थानेदार की विदाई का अजब मंज़र! शराब माफिया,बालू माफिया और कुख्यात अपराधियों का लगा मज़मा
पटना में पुलिस मुख्यालय से महज कुछ किलोमीटर की दुरी पर थानेदार की विदाई में जुटे अपराधियों के जमावड़े की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने से मचा हड़कंप
बिहार की राजधानी यानि पटना जिले में विगत दिनों पुलिस मुख्यालय से महज कुछ किलोमीटर की दुरी पर एक थाने में थानेदार की विदाई समारोह के दौरान उस समय स्थिति असहज हो गई, जब कानून के रखवाले की विदाई में कानून तोड़ने वालों का तांता लग गया। इस विदाई कार्यक्रम में न केवल आम लोग, बल्कि इलाके के शराब माफिया,बालू माफिया कुख्यात अपराधी और संदिग्ध चेहरे भी खुलकर शामिल हुए। एक पुलिस अधिकारी के सम्मान में अपराधियों की मौजूदगी ने पुलिस विभाग की कार्यशैली और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

शराब और बालू माफियाओं का खुला प्रदर्शन
विदाई समारोह में सबसे अधिक चर्चा शराब और बालू माफियाओं की उपस्थिति की रही। जिस थानेदार का जिम्मा इन अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाना था, उनके विदाई कार्यक्रम में उन्हीं सिंडिकेट के संचालकों ने शिरकत की। इस घटना का वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या इलाके में होने वाले अवैध धंधों को थाने का संरक्षण प्राप्त था। दरअसल, तस्वीर में दिखाई दे रहा शख्स बिक्रम के नगहर गांव का मृणाल यादव जो इलाके का चर्चित शराब माफिया है, पटना पश्चिम क्षेत्र में जिन 18 माफिया की संपत्ति जब्त का प्रस्ताव न्यायालय में भेजा गया है, उसमें विक्रम थाना क्षेत्र के मृणाल कुमार पिता पंचानंद यादव यानि इसका नाम भी शामिल है।यही नहीं मृणाल यादव रंगदारी और आर्म्स एक्ट के मामले में भी जेल गया है।यानि जिसकी संपति ज़ब्त करना है वो थानाध्यक्ष को विदाई दे रहा है।
वही बालू माफियाओं की उपस्थिति में सबसे उल्लेखनीय रहा रानीतालाब थाना क्षेत्र के बालू कारोबारी सह माफिया के तौर पर चर्चित फंटूश की तस्वीर ने रही सही कसर को पूरा कर दिया...

हार्डकोर अपराधी गोरख पासवान की मौजूदगी
इस महफिल का सबसे चौंकाने वाला चेहरा गोरख पासवान गोरखरी का रहा। गोरख पासवान कोई साधारण अपराधी नहीं, बल्कि एक हार्डकोर क्रिमिनल है जो हत्या और हत्या के प्रयास जैसे संगीन मामलों में करीब 10 बार जेल की हवा खा चुका है। चर्चित बबलू मुखिया गोलीकांड में गोली चलाने का मुख्य आरोपी भी वही था। ऐसे दुर्दांत अपराधी का थानेदार की विदाई में शामिल होना पुलिस और अपराधियों के बीच के गहरे रिश्तों की ओर इशारा करता है।

समारोह में केवल गोरख पासवान ही नहीं, बल्कि शराब और बालू माफियाओं का भी जमावड़ा लगा रहा। जिस अधिकारी पर इन माफियाओं और अपराधियों को जेल भेजने की जिम्मेदारी थी, उनकी विदाई में इन्हीं तत्वों का 'शक्ति प्रदर्शन' पुलिस की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा करता है। संगीन अपराधियों के साथ थानेदार की यह जुगलबंदी अब चर्चा का विषय बन गई है, जिससे विभाग की छवि धूमिल हो रही है।
पुलिस और अपराधियों के गठजोड़ पर उठे सवाल
इस "अजब मंजर" ने पुलिस-अपराधी गठजोड़ को पूरी तरह बेनकाब कर दिया है। विदाई के बहाने जिस तरह से कुख्यात अपराधियों और सफेदपोश माफियाओं का मजमा लगा, उसने पुलिस की साख को गहरा धक्का पहुँचाया है। अब यह मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में है, और उम्मीद जताई जा रही है कि इस संदिग्ध विदाई समारोह में शामिल अपराधियों और संबंधित पुलिस अधिकारी के बीच के रिश्तों की गहराई से जांच की जाएगी।