Patna High Court: राज्यपाल कोटे से मनोनीत 12 MLC के मामले में सुनवाई, पहले 4 बार सुरक्षित रखा जा चुका है फैसला, अब स्पेशल बेंच बनाने का निर्देश
Patna High Court: राज्यपाल कोर्ट से मनोनीत 12 MLC के मामले में पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इसके पहले 4 बार फैसला सुरक्षित रखा जा चुका है। इस मामले में अब कोर्ट ने स्पेशल बेंच बनाने का निर्देश दिया है।

Patna High Court: पटना हाईकोर्ट में शुक्रवार को राज्यपाल कोटे से मनोनीत 12 एमएलसी के मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट ने चार साल बाद मामले की सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच गठित करने का निर्देश दिया है। इससे पहले कोर्ट ने 4 बार फैसले को सुरक्षित रखा है। वहीं अब माना जा रहा है कि स्पेशल बेंच बनने के बाद इस मामले में सुनवाई हो सकती है। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या था?
2021 में राज्यपाल ने किया था 12 नेताओं का मनोनयन
बिहार विधान परिषद में 17 मार्च 2021 को तत्कालीन राज्यपाल फागू चौहान ने जेडीयू और बीजेपी के 12 नेताओं को राज्यपाल कोटे से एमएलसी मनोनीत किया था। इस मनोनयन को लेकर पटना हाईकोर्ट में तीन अलग-अलग जनहित याचिकाएं (PIL) दायर की गई थीं।
याचिकाकर्ताओं का आरोप
डॉ. दुलार बाबू ठाकुर, विजय कुमार और बसंत चौधरी ने 2021 में पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका आरोप था कि राज्यपाल ने अपने अधिकार का दुरुपयोग करते हुए सत्तारूढ़ दल के नेताओं को मनोनीत किया है, जबकि संविधान के अनुच्छेद 171(5) के तहत राज्यपाल को ऐसे सदस्यों का मनोनयन करना होता है, जो साहित्य, कला, सहकारिता, विज्ञान या समाज सेवा के क्षेत्र में विशेष ज्ञान या अनुभव रखते हों।
गजट में नहीं किया गया कोटे का जिक्र
17 मार्च 2021 को जारी गजट में 12 एमएलसी के नाम तो प्रकाशित किए गए थे, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि वे किस कोटे से मनोनीत किए गए हैं।
पहले भी टलती रही है सुनवाई
इस मामले में पहले भी कई बार सुनवाई हो चुकी है, लेकिन फैसले सुरक्षित रख लिए गए थे। मार्च 2021 में मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और जस्टिस एस. कुमार की बेंच ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। 16 मार्च 2021 को तत्कालीन अंतरिम मुख्य न्यायाधीश चक्रधारी शरण की बेंच ने भी फैसला सुरक्षित रखा। 3 जनवरी 2025 को मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन और जस्टिस पार्थसारथी की बेंच ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। 7 फरवरी 2025 को अंतरिम मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार और जस्टिस पार्थसारथी ने सुनवाई की। 21 मार्च 2025 को इसी बेंच ने दोबारा मामले की सुनवाई की, लेकिन आगे सुनवाई करने से असमर्थता जताते हुए स्पेशल बेंच गठित करने का आदेश दिया।
2016 में भी उठा था ऐसा ही मामला
राज्यपाल कोटे से मनोनयन को लेकर ऐसा ही मामला 2016 में भी हाईकोर्ट में गया था। उस वक्त नागरिक अधिकार मंच ने जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में राज्यपाल कोटे से मनोनीत 12 एमएलसी के खिलाफ सवाल उठाए गए थे। तब ललन सिंह, जो 2024 में मुंगेर से लोकसभा चुनाव हार गए थे, को राज्यपाल कोटे से मनोनीत कर बिहार सरकार में मंत्री बनाया गया था। उस समय भी हाईकोर्ट ने 12 एमएलसी से जवाब मांगा था, लेकिन मामले का निपटारा नहीं हो सका था।