पहले पति के बाद दूसरे से भी लिया तलाक, गुजारा भत्ते में मांग ली इतनी राशि कि हाईकोर्ट को कहना पड़ा – ‘नहीं मिलेगा’

Patna - पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में सारण परिवार न्यायालय के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें पति को पत्नी को मासिक ₹20,000 गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया गया था।कोर्ट ने पाया कि महिला ने न्यायिक प्रक्रिया के दौरान अपने पहले विवाह और उससे प्राप्त भारी-भरकम भत्ते की जानकारी छुपाई थी।
ये मामला रवि प्रकाश सक्सेना और उनकी पत्नी प्रियांका रानी से जुड़ा है। परिवार न्यायालय, छपरा ने वर्ष 2024 में पत्नी के पक्ष में आदेश पारित किया था। लेकिन सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि प्रियंका ने अपने पहले पति से तलाक के समय ₹40 लाख का सेटलमेंट प्राप्त किया था।
इसकी सूचना कोर से छिपाई गई।जस्टिस विवेक चौधरी की एकल पीठ ने रवि प्रकाश सक्सेना की याचिका स्वीकार करते हुए परिवार न्यायालय के आदेश को खारिज कर दिया।
क्या कहता है सुप्रीम कोर्ट का आदेश
कोर्ट ने कहा कि राजनीश बनाम नेहा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि भरण-पोषण तय करने से पूर्व पति-पत्नी दोनों की आय, संपत्ति और देनदारियों का शपथपत्र दाखिल करना अनिवार्य है।
हाईकोर्ट ने मामले को पुनः छपरा स्थित परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश को भेजते हुए निर्देश दिया कि दोनों पक्ष चार सप्ताह में संपत्ति और देनदारियों का शपथपत्र प्रस्तुत करें। इसके बाद कोर्ट चार सप्ताह के भीतर नया फैसला सुनाए।