जिस इलाके में यह विवाहिता रहेगी, वहां पुलिस को करनी होगी इसकी सुरक्षा, जानें कौन है यह युवती, जिसके लिए हाईकोर्ट ने दिया आदेश
पटना हाईकोर्ट ने प्रेमी युगल के पक्ष में फैसला सुनाते हुए एक वयस्क विवाहिता को माता-पिता की अवैध कैद से मुक्त कराया है। जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने पत्नी को पति के साथ जाने की अनुमति दी और पुलिस को उनकी सुरक्षा का निर्देश दिया।
Patna - पटना हाईकोर्ट ने तथाकथित रूप से अपने माता पिता के कैद में रह रही वयस्क विवाहिता को मुक्त कराते हुए उसको अपने पति के साथ सामान्य दाम्पत्य जीवन जीने के लिए अनुमति दे दी।साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि जिस इलाके में यह दंपति रहेगी उनकी रक्षा हेतु , नजदीकी थाने के थाना प्रभारी आवश्यक निगरानी रखें ।
जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने अभिजीत कुमार की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को निष्पादित करते हुए यह आदेश दिया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी रुचि को जबरन उसके मायके वाले आशियाना नगर स्थित अपने निजी आवास में अवैध रूप से बंधक बनाए रखा है । अभिजीत और रुचि की शादी का निबंधन विशेष विवाह अधिनियम के तहत हुआ, जिसका प्रमाणपत्र कोर्ट में जमा किया गया । उक्त प्रमाण पत्र से रुचि वयस्क पाई गई।
कोर्ट ने 2 दिसंबर,2025 को संबंधित राजीव नगर थाना के प्रभारी को निर्देश दिया था कि वो तथाकथित रूप से बंधक बनाए गए रुचि को पुलिस अभिरक्षा में लाकर 3 दिसंबर,2025 को कोर्ट में पेश करे । दोनों जजों ने रुचि से तहकीकात की, तो उसने अभिजीत को अपना पति बता कर उसके साथ रहने की इच्छा जताई । साथ में उसने कहा कि उसे उसके मां और पिता धमका कर जबरन मायके में रखें हुए हैं।
खंडपीठ ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा न्याय निर्णय के आलोक में वयस्क विवाहिता को अपने पति के घर जाने के लिए स्वतंत्र कर दिया। साथ हाईकोर्ट ने अपनी शादी शुदा बेटी को अवैध तरीके से बंदी बनाने वाले माता पिता की काउंसलिंग करवाने का भी आदेश दिया।