एनआईए कोर्ट के फैसले पर पटना हाईकोर्ट ने लगाई मुहर, इस मामले में दोषी पाए गए चार आरोपियों की सजा बरकरार

एनआईए कोर्ट के फैसले पर पटना हाईकोर्ट ने लगाई मुहर, इस मामले

Patna - पटना हाईकोर्ट ने लाखों रुपये के जाली नोट बरामदगी मामले में एनआईए कोर्ट द्वारा दी गई उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है।जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस डॉ. अंशुमान की खंडपीठ ने चारों दोषियों की अपील पर सुनवाई के बाद सभी आपराधिक अपीलें खारिज कर दीं। 

पटना स्थित एनआईए विशेष अदालत ने 5 अक्टूबर ,2018 को सभी अभियुक्तों को दोषी करार दिया था और 11 अक्टूबर, 2018 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसी आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

19 सितंबर, 2015 को पूर्वी चंपारण के रामगढ़वा में डीआरआई ने एक बस की तलाशी के दौरान यात्री अफरोज़ अंसारी के पास से 500 रुपए के 1,188 जाली नोट बरामद किए थे। बाद में उसके बयान में खुलासा हुआ कि वह अपने बहनोई सनी कुमार उर्फ कबीर खान के निर्देश पर नकली नोट रक्सौल पहुंचा रहा था। 

जांच के दौरान एनआईए ने आलमगीर शेख के पास से भी 3 लाख रुपये की एफआईसीएन बरामद की। मालदा निवासी अशरफुल आलम और नवादा के कबीर खान को भी नेटवर्क का सक्रिय सदस्य पाया गया। 

हाई कोर्ट ने कहा कि जाली नोटों की तस्करी देश की आर्थिक सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है और समानांतर अर्थव्यवस्था खड़ी कर सकती है। इसलिए विशेष अदालत द्वारा दी गई सजा उचित है। अदालत ने सभी अपीलें रद्द कर दीं।