Bihar Minor Girl Marriage: 32 साल के आदमी 16 वर्षीय लड़की की हुई जबरन शादी! मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, सुनाया ये आदेश

Bihar Minor Girl Marriage: पटना के पास नौबतपुर में एक नाबालिग लड़की की जबरन शादी के मामले ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। 16 वर्षीय पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर शादी रद्द करने और सुरक्षा की मांग की है।

Bihar Minor Girl Marriage
बिहार की लड़की का मामला सुप्रीम कोर्ट में- फोटो : SOCIAL MEDIA

Bihar Minor Girl Marriage: बिहार की राजधानी पटना के नौबतपुर थाना क्षेत्र के पिपलावा गांव से आई यह खबर केवल एक क्षेत्रीय मुद्दा नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए एक चेतावनी है। 16 वर्षीय नाबालिग लड़की की जबरन शादी एक 32 वर्षीय युवक से कर दी गई और जब उसने इसका विरोध किया तो परिवार ने उस पर अपहरण का झूठा मामला भी दर्ज करा दिया।

यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है, जहां लड़की ने खुद को न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। उसने कहा कि यह शादी उसकी इच्छा के विरुद्ध थी, वह पढ़ना चाहती है और अपने जीवन के फैसले स्वयं लेना चाहती है।

सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप और सुरक्षा का आदेश

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और बिहार पुलिस को नोटिस जारी करते हुए लड़की और उसके साथ मौजूद युवक को सुरक्षा देने का निर्देश दिया है। यह कदम दर्शाता है कि न्यायपालिका ऐसे मामलों में केवल कानूनी नहीं, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण भी अपनाती है।फुलवारी शरीफ डीएसपी दीपक कुमार के अनुसार, इस मामले में बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है। लड़की और लड़के के माता-पिता समेत कई अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।

जब बीमारी को बना लिया गया शादी का बहाना

लड़की के माता-पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी बीमार थी और इसी वजह से उन्होंने उसकी कम उम्र में शादी कर दी। यह तर्क न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि यह उन सामाजिक सोचों का भी प्रतिनिधित्व करता है जिसमें बेटियों की आज़ादी और शिक्षा को कम प्राथमिकता दी जाती है।लड़की ने स्पष्ट कहा कि वह ससुराल नहीं लौटना चाहती, क्योंकि वहां उसे मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी थी।

दोस्त ने दिया सहारा अपहरण निकला झूठा

31 मार्च को वह अपने दोस्त सौरभ के साथ घर से भाग निकली। लड़की के अनुसार, सौरभ ने उसकी परिस्थितियों को समझा और किसी भी तरह का लालच या गलत व्यवहार नहीं किया। इसके उलट, लड़की ने अपने माता-पिता द्वारा दर्ज अपहरण केस को झूठा बताया और कहा कि यह मामला परिवार के दबाव में दर्ज कराया गया है ताकि उसे जबरन वापस भेजा जा सके। लड़की ने कोर्ट से अनुरोध किया कि उसे उसके निर्णय के साथ जीने की स्वतंत्रता दी जाए और ससुराल भेजने का कोई दबाव न बनाया जाए।