Patna News: IGIMS के प्रिंसिपल ने दी सुसाइड की धमकी, स्वास्थ्य मंत्री को लिखी चिठ्ठी,डायरेक्टर पर लगाया संगीन इल्जाम
Patna News:आईजीआईएमएस के प्रिंसिपल, डॉ. रंजीत गुहा ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को एक पत्र लिखकर आत्महत्या की धमकी दी है।

Patna News:आईजीआईएमएस के प्रिंसिपल, डॉ. रंजीत गुहा ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को एक पत्र लिखकर आत्महत्या की धमकी दी है। इस पत्र में उन्होंने निदेशक पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि निदेशक उनके पद की शक्ति को कम करने का प्रयास कर रहे हैं।डॉ. गुहा ने बताया कि हाल ही में एक नया पद ‘फैकल्टी इंचार्ज‘ बनाया गया है, जो उनके अनुसार प्रिंसिपल के पद को कमजोर करने का प्रयास है। उन्होंने यह भी कहा कि इस नए पद के तहत नियुक्त व्यक्ति,उन्हें मानसिक प्रताड़ना दे रहा है और उनके अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। प्रिंसिपल ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि उन्हें अपने कार्यालय से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है और उनके सभी कर्मचारी फैकल्टी इंचार्ज से भयभीत हैं।
डॉ. गुहा ने पत्र में लिखा है कि वह अत्यंत निराश और हताश महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि अब उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। यह स्थिति न केवल उनकी व्यक्तिगत मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल रही है, बल्कि संस्थान के समग्र वातावरण को भी प्रभावित कर रही है।
उन्होंने लिखा है कि प्रिसिंपल मेडिकल कॉलेज के संकाय प्रभारी होते हैं और कोई अन्य शख्स मेडिकल कॉलेज का संकाय प्रभारी नहीं हो सकता है, जो मेरे अतिरिक्त एक अन्य प्रिसिंपल बन जाएगा। लेकिन, 28 फरवरी 2024 को आईजीआईएमएस में एक संकाय की नियुक्ति की गई है। दुर्भाग्य से जिस अधिकारी को निदेशक ने यह अतिरिक्त प्रभार सौंपा था, उसने मेरे साथ अभद्र व्यवहार करना शुरू कर दिया है। वह खुद को एक और प्राचार्य मान रहा है। वह मुझे हर समय यातना देता और अपमानित करता है। उसने मुझे इस तरह से हतोस्ताहित, निराश, तबाह और हताश कर दिया है। मैं बिल्कुल निराज महसूस कर रहा है। मुझे अपना कमरा तक खाली करने कह दिया गया है। लगातार प्रताड़ना झेलने के कारण मेरा अवसाद इतना तीव्र होता जा रहा है कि मुझे आत्महत्या करने का कभी कभी मन करता है। इसलिए इस मामले पर गंभीरता से विचार कर उचित कार्रवाई की जाए।
इस मामले के सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने 1 अप्रैल को बोर्ड ऑफ गवर्नर की बैठक बुलाई है, जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। प्रिंसिपल ने अपनी शिकायतें पहले ही निदेशक के पास रखी थीं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला था।