Bihar Police School: बिहार में पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए ऐतिहासिक पहल! नेतरहाट-सैनिक स्कूल की तर्ज पर बनेगा पहला आवासीय पुलिस विद्यालय, इतनी सीटें आरक्षित!

Bihar Police School: बिहार में पुलिसकर्मियों और उनके बच्चों के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठाया जा रहा है।बिहार पुलिस के सभी संवर्ग के पदाधिकारियों, कर्मियों, शहीद और सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का नया द्वार खोलेगा।

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पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए ऐतिहासिक पहल! - फोटो : meta

Bihar Police School: बिहार में पुलिसकर्मियों और उनके बच्चों के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठाया जा रहा है। झारखंड के अलग होने के बाद पहली बार बिहार में नेतरहाट और सैनिक स्कूल की तर्ज पर एक आवासीय पुलिस विद्यालय की स्थापना की जाएगी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए पटना के नौबतपुर के पास करीब दो एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। यह विद्यालय बिहार पुलिस के सभी संवर्ग के पदाधिकारियों, कर्मियों, शहीद और सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का नया द्वार खोलेगा। 

बिहार पुलिस विद्यालय में 50 प्रतिशत सीटें पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए आरक्षित होंगी, जबकि शेष 50 प्रतिशत सीटें आम लोगों के बच्चों के लिए उपलब्ध होंगी। यह पहल न केवल पुलिसकर्मियों के बच्चों को बेहतर शिक्षा का अवसर देगी, बल्कि सामान्य नागरिकों के बच्चों के लिए भी उच्च स्तरीय शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करेगी। 

पुलिस मुख्यालय में प्रारंभिक विचार-विमर्श के बाद इस विद्यालय से जुड़ा प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसे जून 2025 तक गृह विभाग को सैद्धांतिक सहमति के लिए भेजा जाएगा। पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिस महानिदेशक (डीजी), अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी), क्षेत्रीय आईजी-डीआईजी आदि से सुझाव मांगे थे, जिनमें वरीय अधिकारियों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। फाइनल ड्राफ्ट तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है। पूर्व डीजी अरविंद पांडेय ने भी इस पहल की सराहना करते हुए डीजीपी विनय कुमार को पत्र लिखकर आभार जताया है।

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हाल के वर्षों में बिहार पुलिस में बड़ी संख्या में महिलाओं की नियुक्ति हुई है। उनके बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए इस विद्यालय की स्थापना को अत्यंत आवश्यक माना जा रहा है। यह स्कूल पुलिसकर्मियों के परिवारों के लिए एक बड़ा सहारा साबित होगा, जो अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए बच्चों की शिक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं।

एडीजी (बजट, अपील एवं कल्याण) डॉ. कमलकिशोर सिंह ने बताया कि बिहार पुलिस विद्यालय को दो चरणों में शुरू करने की योजना है। 

पहला चरण: आठवीं कक्षा तक पढ़ाई शुरू होगी, जिसके लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद से संबद्धता ली जाएगी। 

दूसरा चरण: 12वीं कक्षा तक पढ़ाई होगी, जिसके लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्धता प्राप्त की जाएगी।

स्कूल की कक्षाएं, प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय और शिक्षकों की नियुक्ति सीबीएसई के मानकों के अनुसार की जाएगी, ताकि विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय शिक्षा मिल सके। 

अविभाजित बिहार में हजारीबाग में श्रीकृष्ण आरक्षी बाल विद्यालय संचालित था, जो 2000 में राज्य विभाजन के बाद झारखंड के हिस्से चला गया। इसके बाद बिहार में पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए ऐसा कोई समर्पित संस्थान नहीं था। अब इस नए पुलिस विद्यालय की स्थापना के साथ बिहार पुलिस के परिवारों के लिए एक सुनहरा अवसर सामने आ रहा है। 

यह विद्यालय न केवल शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि पुलिसकर्मियों के मनोबल को भी बढ़ाएगा। शहीद और सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों के बच्चों को प्राथमिकता देकर यह परियोजना सामाजिक न्याय और समावेशिता का संदेश दे रही है।