Patna: पटना में साइबर अपराधियों का आतंक! फर्जी रिटायर्ड IAS बनकर डॉक्टर से वसूली की कोशिश, ईओयू ने दो भाइयों को किया गिरफ्तार

पटना में दो भाइयों ने खुद को रिटायर्ड IAS अधिकारी बताकर डॉक्टर से दो लाख की वसूली की कोशिश की। ईओयू ने सर्विलांस के जरिये दोनों को गिरफ्तार किया।

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FRAUD- फोटो : freepik

Patna News: बिहार की राजधानी पटना एक बार फिर साइबर ठगों के एक शातिर गिरोह का गवाह बनी। आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offences Unit - EOU) ने दानापुर के सगुना मोड़ स्थित एक निजी अस्पताल के डॉक्टर से जबरन दो लाख रुपये मांगने के आरोप में दो भाइयों को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को रिटायर्ड आईएएस अधिकारी बताकर ईडी से बचाने के नाम पर डॉक्टर को डरा रहे थे।

फर्जी पहचान और धमकी का खेल

ईओयू की जांच में सामने आया कि आरोपियों ने सेवानिवृत्त कमिश्नर कारू राम के नाम से फर्जी व्हाट्सएप प्रोफाइल बनाया था। इस प्रोफाइल का इस्तेमाल करके डॉक्टर को फोन किया गया और कहा गया कि ईडी उनके अस्पताल पर कार्रवाई करने वाली है। इसके बाद डॉक्टर से केस को "मैनेज" करने के लिए दो लाख रुपये की मांग की गई।

 कैसे हुआ खुलासा?

डॉक्टर को कुछ संदेह हुआ और उन्होंने इसकी जानकारी ईओयू को दी। इसके बाद टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सर्विलांस पर आरोपियों को ट्रैक किया। जल्द ही दोनों भाइयों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।

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कौन हैं आरोपी?

ईओयू के डीआईजी संजय कुमार ने बताया कि आरोपियों की पहचान राजेश कुमार और रंजीत कुमार के रूप में हुई है। ये दोनों दानापुर थाना अंतर्गत वार्ड 15, सुल्तानपुर भट्ठा के निवासी हैं और साधु सिन्हा के पुत्र हैं।

क्या-क्या मिला पुलिस के हाथ?

गिरफ्तारी के बाद की गई जांच में इनके पास से दो कीपैड मोबाइल और एक स्मार्टफोन बरामद किया गया। मोबाइल की फॉरेंसिक जांच में फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट, चैट रिकॉर्ड, और कॉल रिकॉर्डिंग मिले हैं जो इस साइबर अपराध की पुष्टि करते हैं।

बैंक खातों की जांच जारी

ईओयू अब यह पता लगाने में जुटी है कि इन दोनों ने अब तक कितने लोगों को निशाना बनाया, और किस-किस बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करवाए। हो सकता है कि इस नेटवर्क में और भी लोग शामिल हों।

जनहित में चेतावनी और अपील

ईओयू के डीआईजी संजय कुमार ने जनता से अपील की है कि अगर किसी व्यक्ति द्वारा खुद को ईडी, सीबीआई या किसी अन्य जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर पैसों की मांग की जाए, तो तुरंत पुलिस या ईओयू को सूचित करें। यह एक गंभीर आपराधिक कृत्य है और ऐसे मामलों में कानून बेहद सख्त है।