PATNA : राज्य सरकार ने आगामी ग्रीष्म ऋतु के दौरान संभावित जल संकट से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं । लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा इस संबंध में व्यापक कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है। मंगलवार को लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव,पंकज कुमार ने गर्मी के मौसम में सुखाग्रस्त हिस्सों में सम्भावित भूजल स्तर में गिरावट के कारण उत्पन्न पेयजल की समस्या से निपटने हेतु विभाग की आगामी तैयारियों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी क्षेत्रीय कार्यपालक अभियंताओं के साथ बैठक भी की। गर्मी में पेयजलापूर्ति की चुनौती से निपटने के लिए मंत्री, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, नीरज कुमार सिंह ने अधिकारियों को व्यापक दिशा-निर्देश दिए हैं। सर्वप्रथम अकार्यरत चापाकलों की तत्काल मरम्मति कराने एवं जल संकटग्रस्त क्षेत्रों में 'हर घर नल का जल' संरचनाओं के अतिरिक्त टैंकरों के माध्यम से जल आपूर्ति कराने का निर्देश दिया गया। सार्वजनिक स्थलों, विद्यालयों और महादलित टोलों में चापाकलों को प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया। साथ ही भूजल स्तर में सम्भावित गिरावट को देखते हुए पंचायत स्तर पर जल स्रोतों की स्थिति का दैनिक आधार पर आकलन करने का निर्णय लिया गया। गर्मी से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में विशेष रूप से 'हर घर नल का जल' योजनाओं का शीघ्र सर्वेक्षण कर प्राथमिकता के आधार पर मरम्मति करते हुए गृह संयोजन का कार्य करने का निर्देश दिया गया।
मंत्री द्वारा बताया गया कि चापाकलों की मरम्मति एवं रखरखाव के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। जिन पंचायतों में भूजल स्तर नीचे चला गया है, वहां राइजर पाइप बढ़ाकर चापाकलों को क्रियाशील बनाए रखने की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही प्रत्यक जिले में मार्च के दुसरे सप्ताह से मरम्मति दलों को जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी के द्वारा हरी झंडी दिखाकर समस्याग्रस्त प्रखण्डों / पंचायतों में रवाना करायी जाएगा और इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी कराया जाएगा ताकि ग्रामीणों को मरम्मति दल के संबंध में जानकारी प्राप्त हो सकेI पीएचईडी मंत्री ने बताया कि आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिये 1520 नए चापाकलों के निर्माण की अग्रिम स्वीकृति दी जा चुकी है ताकि निविदा का निष्पादन कर आवश्यकता अनुसार पेयजल समस्या से ग्रसित क्षेत्रों में ससमय चापाकल लगाया जा सके। साथ ही चापाकलों के मरम्मति कार्य हेतु भी लक्ष्य निर्धारित कर लिया गया है ,लक्ष्य के अनुरूप राज्यभर में कुल 1,20,749 चापाकलों की मरम्मति कारवाई जानी है। साथ ही सभी चापाकलों की मरम्मति की रिपोर्ट ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज की जाएगी, और Geo-Tagged फोटोग्राफ एवं सामाजिक प्रमाणिकरण भी प्राप्त किया जाएगा।
साथ ही जिन क्षेत्रों में भूजल स्तर अत्यधिक नीचे चले जाने के कारण जलापूर्ति योजनाएँ प्रभावित होती हैं , वहाँ टैंकरों के माध्यम से जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। जल संकटग्रस्त पंचायतों को प्राथमिकता देते हुए जल वितरण का रूट चार्ट तैयार किया जाएगा ताकि किसी भी गांव या टोले में पेयजल की कमी न हो।पूरी व्यवस्था की जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष के माध्यम से निगरानी की जाएगी। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री ने बताया कि इसके साथ ही विभाग द्वारा जल गुणवत्ता को लेकर विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसके तहत उन जल स्रोतों को लाल रंग से चिह्नित किया जाएगा जिनमें आर्सेनिक, फ्लोराइड या आयरन की मात्रा अनुमेय सीमा से अधिक पाई जाएगी। साथ ही, "हर घर नल का जल" योजना के तहत स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को जोड़ने का काम तेज किया जाएगा।इसके अलावा गर्मी के मौसम में पशुओं के लिए भी पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने की दिशा में भी विभाग द्वारा पहल की गई है । राज्य में कुल 261 कैटल ट्रफ (पशु प्याऊ) का निर्माण किया गया है और इनकी क्रियाशीलता सुनिश्चित करने के लिए भौतिक सत्यापन किया जाएगा।