Bihar Election 2025 : जहाँ से ‘बिहार बदलाव यात्रा’ की शुरुआत, वहां उपवास करेंगे प्रशांत किशोर, बिहार चुनाव में हार का करेंगे प्रायश्चित
PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अपनी नई राजनीतिक पार्टी जन सुराज को मिली करारी हार के बाद चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (पीके) ने प्रायश्चित करने का ऐलान किया है। उन्होंने आगामी 20 नवंबर को पश्चिम चंपारण जिले में स्थित महात्मा गांधी के भीतिहरवा आश्रम में एक दिन का मौन उपवास रखने की घोषणा की है। प्रशांत किशोर ने यहीं से 2 अक्टूबर 2022 को बिहार बदलाव यात्रा की शुरुआत की थी।
हार की जिम्मेदारी ली, आत्मचिंतन का समय
गुरुवार को पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीके ने बिहार चुनाव में जन सुराज को मिली हार की पूरी जिम्मेदारी खुद पर ली। उन्होंने कहा, "हम लोग व्यवस्था परिवर्तन नहीं कर सके। हमारी सोच में कुछ गलती हुई होगी। यह जिम्मेवारी मेरी है और मैं खुद इसे स्वीकार करता हूं।" उन्होंने इस समय को आत्मचिंतन का बताया और उन लोगों से क्षमा मांगी जिनकी अपेक्षाओं पर वे खरे नहीं उतर सके। पीके ने कहा, "इसलिए प्रायश्चित के तौर पर 20 तारीख को एक दिन का सामूहिक उपवास रखेंगे।"
मुद्दों की राजनीति पर कायम, बिहार नहीं छोड़ेंगे
पीके ने स्पष्ट किया कि चुनाव में जन सुराज पार्टी को वोट नहीं मिलना कोई गुनाह नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार में जहां सिर्फ जाति-धर्म की राजनीति होती है, वहां उनकी पार्टी ने मुद्दों की राजनीति की है। उन्होंने राजनीति छोड़ने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि वह बिहार छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं। अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन्होंने कहा कि, "साढ़े 3 साल में जितनी मेहनत की, अब उससे दोगुनी करेंगे और पीछे हटने का सवाल नहीं है।" उन्होंने जाति-धर्म के नाम पर जीतने वाले दलों को आगाह करते हुए कहा कि, "उन्हें अब जनता को हिसाब देना ही होगा।"
सरकारी योजनाओं के वादे को बताया एनडीए की जीत का कारण
प्रशांत किशोर ने बिहार में एनडीए की बंपर जीत का मुख्य कारण सरकारी योजनाओं की घोषणाओं को बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान बिहार सरकार द्वारा स्वरोजगार के लिए महिलाओं को 10-10 हजार रुपये बांटे जाने का वादा जीत की बड़ी वजह बना। पीके ने दावा किया कि देश के इतिहास में पहली बार किसी राज्य सरकार ने जनता के करीब 40 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का बड़ा वादा किया है। उन्होंने बताया कि हर विधानसभा में 60-62 हजार महिलाओं को यह राशि दी गई और यह प्रचार किया गया कि सरकार जीती तो आगे 2 लाख रुपये भी मिलेंगे।
सरकार से 6 महीने में 2 लाख रुपये देने की मांग
पीके ने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले जीविका दीदियों, ममता-आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा लगभग 29 हजार करोड़ रुपया बांटा गया है। उन्होंने अब बिहार सरकार से जोरदार आग्रह किया है कि जिन डेढ़ करोड़ महिलाओं को 2 लाख रुपये देने का वादा किया गया है, उन्हें यह राशि अगले 6 महीने में दे दी जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह पैसा उन्हें योजना के तहत नहीं, बल्कि वोट खरीदने के लिए दिया गया था।