Bihar Politics:महागठबंधन का मास्टरस्ट्रोक, राहुल-तेजस्वी की जोड़ी आज साधेगी EBC वोट बैंक, मैनिफेस्टो आएगा किस्तों में
Bihar Politics: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन ने अपने चुनावी रणकौशल की पहली झलक पेश कर दी है। गठबंधन का मैनिफेस्टो किस्तों में जारी होगा और इसकी शुरुआत अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) को लुभाने वाले बड़े ऐलान से होने जा रही है।..

Bihar Politics: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन ने अपने चुनावी रणकौशल की पहली झलक पेश कर दी है। गठबंधन का मैनिफेस्टो किस्तों में जारी होगा और इसकी शुरुआत अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) को लुभाने वाले बड़े ऐलान से होने जा रही है। बुधवार को पटना में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव महागठबंधन के वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर इसका ऐलान करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, महागठबंधन बिहार की सत्ता में आने पर आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 65 फीसदी करने का वादा करेगा। इसमें अति पिछड़ा वर्ग को मुकम्मल हिस्सेदारी देने का आश्वासन भी शामिल है। इतना ही नहीं, इस आरक्षण सीमा को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल कराए जाने का भी संकल्प लिया जाएगा, ताकि न्यायपालिका की किसी भी आपत्ति से यह सुरक्षित रहे। साथ ही, गठबंधन की ओर से एक स्पष्ट और प्रभावकारी जातीय जनगणना कराने की गारंटी भी दी जाएगी।
महागठबंधन की रणनीति साफ है ईबीसी के व्यापक वोटबैंक को साधना और उन्हें अपनी तरफ मजबूती से खड़ा करना। इसी कड़ी में चुनाव से पहले पटना में अति पिछड़ों का एक बड़ा जुटान आयोजित किया जाएगा। यह कदम न केवल चुनावी घोषणा पत्र को धार देगा बल्कि महागठबंधन को सामाजिक समीकरणों में बढ़त भी दिलाएगा।
मंगलवार को तेजस्वी यादव के सरकारी आवास एक पोलो रोड पर महागठबंधन के वरीय नेताओं ने ढाई घंटे तक गहन मंथन किया। बैठक में कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान, राजद सांसद संजय यादव, सीपीआई माले के सांसद सुदामा प्रसाद, पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता, वीआईपी के नुरूल होदा समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
इस बैठक में न केवल मैनिफेस्टो के शुरुआती बिंदुओं पर सहमति बनी, बल्कि सीटों के समीकरण, मजबूत उम्मीदवारों की पहचान और विपक्ष को टक्कर देने वाली सशक्त चुनावी रणनीति पर भी विस्तार से चर्चा हुई। महागठबंधन का मकसद साफ है जनता के बीच यह संदेश देना कि विपक्ष अब बिखरा नहीं, बल्कि पूरी तरह एकजुट और संगठित है।
बैठक के बाद कांग्रेस नेता अल्लावरु ने मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं शकील अहमद ने सीटों पर फैसला होने की बात स्वीकार की, लेकिन संख्या जाहिर नहीं की। डिप्टी सीएम की कुर्सी पर वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की दावेदारी को लेकर उन्होंने कहा कि हर दल को अपनी राय रखने का हक है।