Bihar Railway Safety: बिहार में रेलवे ट्रैक पर ऐसे रखी जाएगी नजर, ताकि ठंड में सेफ रहे सफर, पटरियों की हिफ़ाजत के लिए उतरी रेलवे की ख़ास पेट्रोलिंग स्क्वाड

Bihar Railway Safety: सर्द हवाओं के कहर और तापमान के तेज़ी से गिरने के साथ ही दानापुर रेल मंडल ने रेलवे ट्रैकों की सलामती को लेकर अपनी नाइट ट्रैक पैट्रोलिंग को युद्धस्तर पर सक्रिय कर दिया है।

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बिहार में रेलवे ट्रैक पर ऐसे रखी जाएगी नजर- फोटो : social Media

Bihar Railway Safety: सर्द हवाओं के कहर और तापमान के तेज़ी से गिरने के साथ ही दानापुर रेल मंडल ने रेलवे ट्रैकों की सलामती को लेकर अपनी नाइट ट्रैक पैट्रोलिंग को युद्धस्तर पर सक्रिय कर दिया है। रेल सुरक्षा की इस मुहिम को अपराध जगत की भाषा में समझें तो सर्द रातों में यह ऑपरेशन किसी बड़े क्रैकडाउन से कम नहीं जहाँ हर इंच पटरी की नाकेबंदी, मॉनिटरिंग और चेन ऑफ एविडेंस को बखूबी लागू किया जा रहा है। मंडल की लगभग 2080 किलोमीटर लंबी रेल लाइन अब रात की घोर सन्नाटे वाली शिफ़्ट में कड़ी निगरानी में है, ताकि पटरियों में दरार या सिकुड़न जैसे “टेक्निकल क्राइम” को समय रहते पकड़ कर निष्प्रभावी किया जा सके।

रेलवे के मुताबिक, कड़ाके की ठंड में लोहे की पटरियों के कॉन्ट्रैक्शन से अचानक क्रैक पैदा होने का ख़तरा बढ़ जाता है। यही वह संभावित वारदात है, जिसकी भनक लगते ही पूरा सिस्टम अलर्ट मोड में चला जाता है। इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए 780 कर्मचारियों की भारी-भरकम फोर्स तैनात की गई है। इन्हें दो-दो की खास यूनिट्स में बाँटा गया है कुछ वैसा ही जैसे पुलिस किसी हाई-प्रोफाइल इलाके में दो-दो सिपाहियों की रात की गश्त सुनिश्चित करती है।

डबल लाइन रूट पर हर टीम को 2 किलोमीटर, जबकि सिंगल लाइन सेक्शन पर 4 किलोमीटर की जुरिस्डिक्शन सौंपी गई है। झाझा–पटना–डीडीयू रेलखंड समेत मंडल के सभी अहम रूट हॉटस्पॉट की तरह चिन्हित किए गए हैं, जहाँ ये टीमें रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक सघन चौकसी कर रही हैं।

इस ऑपरेशन की सबसे दिलचस्प प्रक्रिया है टीमों का मिडपॉइंट मीटिंग प्रोटोकॉल। दोनों ओर से निकली टीमें बीच में मिलती हैं, एक-दूसरे के पैट्रोलिंग रजिस्टर पर सिग्नेचर करती हैं, ताकि यह पुख्ता सबूत रहे कि पूरा ट्रैक कवर्ड एरिया में आ चुका है और कहीं कोई लापरवाही का सुराग नहीं बचा।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, अगर जांच के दौरान कहीं भी ट्रैक पर क्रैक, गैप, या किसी तरह की सस्पिशियस एक्टिविटी मिलती है, तो तत्काल मरम्मत दल को एन्फोर्समेंट की तरह बुलाया जाता है। तेज़ कार्रवाई से संभावित हादसे को वारदात में बदलने से पहले ही रोका जा सकता है।

यह पूरा विशेष मॉनिटरिंग अभियान फरवरी 2026 तक चलेगा। दानापुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम अभिनव सिद्धार्थ के मुताबिक, यात्रियों की सुरक्षा रेलवे का टॉप प्रायोरिटी केस है। सर्दियों में पटरियों पर बढ़ते क्रैक और सिकुड़न को देखते हुए यह नाइट पेट्रोलिंग किसी सुरक्षा ऑपरेशन से कम नहीं, जो ट्रेन संचालन को सुरक्षित, निर्बाध और पूरी तरह कंट्रोल में रखेगी।