Bihar News: रेरा का आदेश नहीं मानना इन 5 बिल्डरों को पड़ा महंगा, अब चलेगा मुकदमा, इतने साल के लिए जाएंगे जेल !

Bihar News: रेरा का आदेश नहीं मानने वाले 5 बिल्डरों के खिलाफ अब आपराधिक मुकदमा चलेगा। इन बिल्डरों को जेल भी जाना पड़ सकता है। रेरा ने इन बिल्डरों पर सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है।

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5 बिल्डरों पर होगी कार्रवाई- फोटो : social media

Bihar News: रेरा के आदेश को नहीं मानने के लिए 5 बिल्डरो  के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाए जाएंगे। इन बिल्डरों को जेल भी जाना पड़ सकता है। साथ ये बिल्डर चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे और इनके पासपोर्ट को भी जब्त किया जाएगा। दरअसल, प्रदेश में रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (रेरा) के आदेश की अनदेखी करना अब बिल्डरों को भारी पड़ने वाला है। पटना की सीजेएम अदालत ने रेरा कोर्ट के निर्देश का पालन नहीं करने वाले पांच बिल्डरों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे का संज्ञान लिया है। ये सभी बिल्डर बिना निबंधन के ही अपार्टमेंट और प्लॉट की बुकिंग और विज्ञापन कर रहे थे।

इन बिल्डरों पर होगी कार्रवाई

रेरा की धारा-3 का उल्लंघन करने वाले इन बिल्डरों में ग्रीन सिटी रियल एस्टेट, अग्रणी होम्स प्राइवेट लिमिटेड, अग्रणी होम रियल मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड, श्रीराम कंस्ट्रक्शन और रमन एंड कुमार कंस्ट्रक्शन शामिल हैं। इन बिल्डरों पर अब आपराधिक मुकदमा चलाए जाएंगे। इन कंपनियों के निदेशकों पर भी मुकदमा चलेगा। यदि अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाते हैं, तो उन्हें पांच साल तक की जेल हो सकती है।

नहीं मानी रेरा की चेतावनी

रेरा अधिनियम के तहत सभी रियल एस्टेट परियोजनाओं को पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इन बिल्डरों ने इसके बावजूद बिना निबंधन के प्लॉट और फ्लैट बेचने का कार्य शुरू कर दिया। जिससे उपभोक्ताओं को धोखा मिलने की आशंका बनी रही। रेरा बिहार ने इस पर स्वप्रेरणा से कार्रवाई शुरू की, जुर्माना भी लगाया गया, लेकिन इन बिल्डरों ने न तो आदेश का पालन किया और न ही जुर्माना जमा किया।

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रेरा ने मांगी सख्त कार्रवाई

रेरा बिहार ने अदालत से आग्रह किया है कि बीएनएसएस और रेरा अधिनियम के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। यदि अदालत दोषी ठहराती है तो इन बिल्डरों के खिलाफ अन्य दंडात्मक कदम भी उठाए जा सकते हैं। जिनमें पासपोर्ट की जब्ती, चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध और अन्य वित्तीय और कानूनी प्रतिबंध शामिल हैं। रेरा अधिकारियों के अनुसार यह कार्रवाई रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है, ताकि आम उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा हो सके।

आने वाले समय में और बिल्डर आ सकते हैं रडार पर

सूत्रों के मुताबिक, रेरा बिहार ऐसे और कई मामलों की जांच कर रहा है। जिनमें बिल्डरों ने प्रोजेक्ट का पंजीकरण नहीं कराया है। यह कार्रवाई राज्य में अनियमित रियल एस्टेट प्रथाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।