RJD MLA Ritlal Yadav: राजद विधायक रीतलाल यादव का शागिर्द गिरफ्तार, रंगदारी, सूदखोरी और सियासी रिश्ते का काला साम्राज्य बेनकाब,पटना में हुई खौफ़नाक गिरफ़्तारी

RJD MLA Ritlal Yadav: पुलिस को साढ़े नौ बजे ख़ुफ़िया सूचना मिली थी "शिकारी अपने बिल में है। एक इशारे पर एसटीएफ की टीम ने मकान को चारों तरफ से घेर लिया। दरवाज़ा तोड़ने की नौबत आई, लेकिन सुनील को काबू करने में ज़्यादा वक्त नहीं लगा। ...

RJD MLA Ritlal Yadav
राजद विधायक रीतलाल यादव का शागिर्द गिरफ्तार- फोटो : social Media

RJD MLA Ritlal Yadav: पटना की अपराधनामा में एक सनसनीखेज मोड़ आया, जब पुलिस और एसटीएफ ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए कुख्यात रंगदारी नेटवर्क से जुड़े सुनील कुमार उर्फ़ सुनील महाजन को दबोच लिया। अभियंता नगर, गोकुल पथ, रुपसपुर थाना क्षेत्र स्थित उसके आलीशान आशियाने पर तड़के छापेमारी की गई। चश्मदीदों के मुताबिक, मोहल्ले में अचानक पुलिस की गाड़ियाँ और हथियारबंद जवानों की मौजूदगी ने दहशत का माहौल बना दिया।

सूत्रों के हवाले से पता चला कि पुलिस को साढ़े नौ बजे ख़ुफ़िया सूचना मिली थी "शिकारी अपने बिल में है।" एक इशारे पर एसटीएफ की टीम ने मकान को चारों तरफ़ से घेर लिया। दरवाज़ा तोड़ने की नौबत आई, लेकिन सुनील को काबू करने में ज़्यादा वक्त नहीं लगा। गिरफ्तारी के वक्त उसकी आँखों में वही घमंड झलक रहा था, जो रंगदारी के पैसों से पले-पुसे अपराधियों में आम है।

पुलिस के मुताबिक़, सुनील महाजन केवल एक साधारण अपराधी नहीं, बल्कि विधायक रीतलाल यादव का ख़ास हमराज़ है। आरोप है कि विधायक की रंगदारी से आने वाला काला धन वह सूद पर लगाता था  यानी अवैध कमाई को ब्याज़ के धंधे में बदलकर और भी ज़हरीला बना देता था। 10 अप्रैल की रात एक बिल्डर से रंगदारी मांगने के मामले में भी उसका नाम उभरा। बिल्डर ने खगौल थाने में दर्ज कराई एफआईआर में साफ़ लिखा था कि सुनील ने उसे धमकी देकर चुप रहने की कोशिश की।

जांच में पता चला कि केस दर्ज होते ही सुनील अंडरग्राउंड हो गया था, परंतु बिल्डर को लगातार फोन कर डराने की उसकी हरकतें बंद नहीं हुईं। इन धमकियों की भनक जैसे ही एसटीएफ तक पहुँची, उसकी गतिविधियों पर चौकसी बढ़ा दी गई। शनिवार को आखिरकार वह पुलिस के जाल में फँस गया।

गिरफ्तारी के बाद सुनील को भारी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया। वहाँ से उसे सीधे जेल भेज दिया गया, लेकिन पुलिस का कहना है कि यह तो महज़ शुरुआत है। सुनील के पास से कई ऐसे राज़ निकलने की उम्मीद है, जो पटना के अपराध जगत की गहरी परतों को उजागर कर सकते हैं।

मोहल्ले में लोग कहते हैं कि सुनील की पकड़ सिर्फ़ पैसों तक नहीं थी, बल्कि डर और दबदबे का ऐसा जाल था कि कोई उसके ख़िलाफ़ बोलने की हिम्मत नहीं करता था। अब उसकी गिरफ़्तारी से उम्मीद है कि रंगदारी और सूदखोरी के इस नेटवर्क की जड़ें उखाड़ने में पुलिस को कामयाबी मिलेगी।