Ritlal Yadav Surrender: राजद विधायक रीतलाल यादव ने अपने भाई के साथ दानापुर कोर्ट में किया सरेंडर, बिल्डर को जान से मारने की धमकी देने का है आरोप

Ritlal Yadav Surrender: राजद के विधायक रीतलाल यादव ने दानापुर न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया है। उन पर एक प्रमुख बिल्डर ने रंगदारी की मांग करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था।

Ritlal Yadav Surrender
राजद के विधायक रीतलाल यादव ने दानापुर न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया - फोटो : social Media

Ritlal Yadav Surrender:RJD विधायक रीत लाल यादव ने अपने भाई के साथ दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। पटना पुलिस रीत लाल यादव और उनके भाई की खोज में थी। कल भाजपा ने सोशल मीडिया पर उन्हें फरार घोषित किया था। RJD विधायक रीतलाल राय के साथ चिक्कू यादव, पिंकू यादव, श्रवण यादव और अन्य सहयोगियों ने भी दानापुर न्यायालय में आत्मसमर्पण किया। न्यायालय परिसर में हलचल का माहौल बना रहा। 

  राजद विधायक रीतलाल यादव ने दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है। यह कदम तब उठाया गया जब पटना पुलिस ने उनके खिलाफ रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस मामले में एक बिल्डर ने विधायक पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की।

रीतलाल यादव ने समर्पण पर उनकी पत्नी रिंकू देवी नेे सोशल मीडिया पर ट्ववीट कर कहा कि

Nsmch

आज दानापुर के माननीय राजद विधायक श्री रीतलाल यादव जी ने माननीय न्यायालय मे आत्म समर्पण किये.

आत्मसमर्पण आदर्शों का समर्पण नहीं है। यह पराजय नही है। यह समर्पण है न्याय व्यवस्था के प्रति, यह समर्पण है विधि के प्रति, यह समर्पण है संविधान के प्रति, यह समर्पण है लोकतंत्र के प्रति और इन सब से बढ़कर यह समर्पण है लोकहित के प्रति। जनता के उस व्यापक विशाल समूह जिसकी लड़ाई लड़ी जा रही है उसके विश्वास के प्रति समर्पण है।

यह लड़ाई है उस सिस्टम से, जिसमे गरीबो के लिए अलग

#System काम करता है और अमीरो के लिए अलग.

पटना पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने रीतलाल यादव के 11 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें लगभग 10.5 लाख रुपये नकद, 77 लाख रुपये के ब्लैंक चेक, जमीन के दस्तावेज और अन्य सामग्री बरामद हुई। इस कार्रवाई का नेतृत्व दानापुर एएसपी भानु प्रताप सिंह ने किया था। पुलिस को जानकारी मिली थी कि विधायक और उनके सहयोगी फरार हैं, लेकिन छापेमारी के दौरान वे अपने ठिकानों से भाग निकले थे.

बिल्डर कुमार गौरव ने शिकायत दर्ज कराई थी कि रीतलाल यादव ने उनसे रंगदारी मांगी थी। उन्होंने बताया कि विधायक ने उन्हें फोन करके 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी और न देने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। इसके बाद बिल्डर ने चार लाख रुपये दिए, लेकिन फिर भी धमकियां जारी रहीं.

रीतलाल यादव ने सोशल मीडिया पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि यह कार्रवाई राजनीतिक द्वेषपूर्ण भावना से प्रेरित है और उन्होंने पुलिस प्रशासन पर मनमानी करने का आरोप लगाया है.