Bihar Politics:शपथ से पहले चिराग की दहाड़, पटना में NDA पोस्टर्स की बाढ़, शेर वाला होर्डिंग चर्चा में
Bihar Politics: पटना में एनडीए के पोस्टरों की बाढ़ आई है , इसी बीच एक पोस्टर ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी हैं जहां चिराग पासवान को ‘बिहार का शेर’ बताया गया है।
Bihar Politics:पटना इस वक़्त जश्न, राजनीति और रोमांच तीनों का संगम बना हुआ है। नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह ने राजधानी की फिज़ा ही बदल दी है। सड़कें सुबह से ही लोगों की भारी आवाजाही से गुलज़ार हैं। भीड़ पैदल चलकर, ऑटो में, टू-व्हीलर पर किसी तरह गांधी मैदान पहुंचने की कोशिश में है। शहर में वीवीआईपी मूवमेंट तेज़ है, सुरक्षा के घेरे कड़े हैं और गांधी मैदान के अलग-अलग गेटों पर लंबी कतारों में लोग इंतज़ार कर रहे हैं।
पटना की दीवारें भी इतने बड़े सियासी जलसे की गवाह बन चुकी हैं। एनडीए के पोस्टरों की ऐसी बाढ़ आई है कि पूरा शहर एक विशाल राजनीतिक गैलरी में बदल गया है। इसी बीच एक पोस्टर ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी हैं जहां चिराग पासवान को बिहार का शेर बताया गया है। पोस्टर में चिराग के साथ एक विशाल शेर की तस्वीर है और इसके साथ दिवंगत राम विलास पासवान और सांसद अरुण भारती की तस्वीरें भी दर्ज हैं। नीचे युवा लोजपा (आर) के प्रदेश अध्यक्ष वेद प्रकाश पांडेय का नाम निदेशक के तौर पर दिया गया है।
गांधी मैदान की ओर जाने वाले रास्तों पर एक-से-एक राजनीतिक पोस्टर लगे हैं। कहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुस्कुराती तस्वीरें, साथ में नारा अब बनेगा विकसित बिहार। कहीं गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य बड़े नेताओं के चित्रों से सजी दीवारें। सड़कें यह बता रही हैं कि एनडीए पूरी ताकत के साथ अपनी मौजूदगी दिखा रहा है।
ऐतिहासिक गांधी मैदान आज एक और इतिहास का गवाह बनने जा रहा है। नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं एक ऐसा रिकॉर्ड जिसे भारतीय राजनीति में बहुत कम लोग छू पाए हैं। सूत्र कह रहे हैं कि उनके साथ 19 मंत्री भी शपथ ले सकते हैं।
नीतीश का राजनीतिक सफर उतार-चढ़ाव, संघर्ष और समझदारी का मिश्रण रहा है। 74 साल की उम्र में भी उनकी ऊर्जा कम नहीं हुई है। 2000 में पहली बार मुख्यमंत्री बने, हालांकि वह सरकार मात्र आठ दिनों में गिर गई। 2005 से 2014 तक लगातार सत्ता संभाली। 2014 में लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ा, लेकिन कुछ ही समय बाद वे फिर सत्ता में लौट आए।
पटना आज उसी राजनीतिक धुरी की दसवीं ताजपोशी का साक्षी बन रहा है जहां भीड़, पोस्टर, नारे और नेताओं की चमक सब कुछ एक ही बात कह रही है कि बिहार की सियासत में आज फिर एक नया अध्याय लिखा जा रहा है।वहीं बिहार के सियासत में अब पोस्टर की इंट्री हो चुकी है।