Bihar Vidhan Parishad : बिहार विधान परिषद में सोमवार को राज्य के सबसे बड़े विश्वविद्यालय में हो रहे एक गोरखधंधे की जांच का मुद्दा उठा. जदयू एमएलसी द्वारा उठाए गए इस मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष दोनों ओर के सदस्य एक सुर में आ गए. एक साथ सदस्यों ने इस मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेरा और हंगामा करने लगे. नतीजा रहा कि आनन फानन में विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने विधानपरिषद की कमेटी से जांच कराने की घोषणा की.
दरअसल, सबौर विश्वविद्यालय भागलपुर से जुड़े कथित गोरखधंधे का यह मामला सबसे पहले जदयू के संजीव कुमार सिंह ने उठाया. उन्होंने पीएचडी कराने के नाम पर हो रही अनियमितता का गोरखधंधा सदन के समक्ष रखा. उसके बाद जदयू के नीरज कुमार ने भी इसी पर अपनी बातें रखी. नामांकन और नियुक्ति में घोटाला और अनियमितता के मुद्दे पर सदन में सत्ता पक्ष के एमएलसी द्वारा उठाए गए सवाल पर विपक्षी सदस्य भी एक मत दिखे. इसमें आरक्षण के नियमों की अनदेखी की गई है. राज्य के बाहरी व्यक्ति को आरक्षण का लाभ देने का मामला उठाया.
पूर्व कृषि मंत्री मंगल पांडे के कार्यकाल का जिक्र करते हुए सदस्यों ने इस मामले की जांच कराने की मांग की. साथ ही सबौर विश्वविद्यालय भागलपुर को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की गई. सदस्यों की जोरदार मांग को देखते हुए सभापति अवधेश नारायण सिंह ने विधानपरिषद की कमेटी से जांच कराने की घोषणा की. हालाँकि सदस्यों की मांग थी कि जांच कब तक होगी यह भी बताया जाए. इस पर सभापति ने तय नियमों के तहत समय सीमा में जांच की बातें कहीं.
वंदना की रिपोर्ट