Sanjeev Mukhiya: EOU के रिमांड पर संजीव मुखिया, 36 घंटे होगी पूछताछ, अब नीट पेपर लीक मामले में खुलेंगे कई राज
Sanjeev Mukhiya: नीट पेपर लीक मामले का मुख्य आरोपी संजीव मुखिया को ईओयू ने रिमांड पर लिया है। 36 घंटे के लिए ईओयू को रिमांड मिला है...

Sanjeev Mukhiya: नीट पेपर लीक मामले में संजीव मुखिया की गिरफ्तारी हो गई है। वहीं गिरफ्तारी के बाद अब संजीव मुखिया की रिमांड की अर्जी भी मंजूर हो गई है। जानकारी अनुसार ईओयू ने पांच दिनों के लिए संजीव मुखिया की रिमांड मांगी थी। लेकिन ईओयू को 36 घंटे के लिए संजीव मुखिया को रिमांड पर दिया गया है। ईओयू अब पेपर लीक मामले में संजीव मुखिया से पूछताछ करेगी।
संजीव मुखिया का कनेक्शन
पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए संजीव मुखिया का कनेक्शन केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं था, बल्कि यह एक व्यवस्थित और संगठित पेपर माफिया गिरोह का हिस्सा था, जो बिहार से लेकर झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और राजस्थान तक फैला हुआ था। बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) और अन्य जांच एजेंसियों ने इस गिरोह के पैटर्न, नेटवर्किंग और तकनीकी साजिशों का खुलासा किया है।
कैसे होती थी पेपर लीक की साजिश?
संजीव मुखिया अपने परिजनों और करीब 30 सहयोगियों की मदद से पेपर लीक की जटिल साजिश को अंजाम देता था। 5 मई 2024 की सुबह, नीट परीक्षा से पहले, प्रश्नपत्र और उत्तरों की PDF फाइल चिंटू नामक रिश्तेदार के व्हाट्सएप पर भेजी गई। इसके बाद पटना के “लर्न एंड प्ले स्कूल” में वाईफाई प्रिंटर से पेपर का प्रिंट लिया गया और पैसे देकर छात्रों को रटाया गया।गिरोह व्हाट्सएप, ब्लूटूथ और पेन ड्राइव जैसे साधनों का तकनीकी रूप से इस्तेमाल करता था। परीक्षा केंद्रों तक प्रश्नपत्र पहुंचाने वाले गाड़ी चालकों और कर्मचारियों को भी झांसे में ले लिया जाता था।
हर छात्र से वसूले गए 40 लाख तक
EOU की रिपोर्ट के मुताबिक, नीट पेपर लीक मामले में हर छात्र से 40 लाख तक वसूले गए। इनमें 30-32 लाख सरगनाओं तक पहुंचते थे। 8-10 लाख बिचौलियों के बीच बांटे जाते थे। यह शिक्षा व्यवस्था में गहरी पैठ बनाए भ्रष्टाचार का खुला सबूत है। संजीव मुखिया के पास आय से 144% अधिक संपत्ति पाई गई है।1.75 करोड़ से अधिक की अघोषित संपत्ति। CBI और ED ने भी इस पर मामले दर्ज किए हैं। यह संपत्ति सिर्फ शिक्षा से जुड़े अपराधों से नहीं, बल्कि राजनीतिक और आर्थिक नेटवर्किंग से भी जोड़कर देखी जा रही है।
कौन है संजीव मुखिया
संजीव मुखिया पहले नूरसराय हॉर्टिकल्चर कॉलेज में तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत था। उस पर आरोप है कि उसने NEET परीक्षा में छात्रों से 40-40 लाख रुपये लेकर प्रश्न पत्र लीक किया। यह कोई पहला मामला नहीं है जिसमें उसका नाम सामने आया हो। 2016 की सिपाही भर्ती परीक्षा में भी पेपर लीक कांड में उसका नाम जुड़ा था। इसके अलावा, बीपीएससी शिक्षक बहाली घोटाले में वह पहले ही जेल जा चुका है। चौंकाने वाली बात यह है कि उसका बेटा डॉ. शिव कुमार, जो पीएमसीएच से एमबीबीएस कर चुका है फिलहाल जेल में बंद है। इससे परीक्षा माफिया के नेटवर्क और परिवार में सक्रिय संलिप्तता की ओर इशारा मिलता है