बिजली कंपनी ने बकाया बिजली बिलों की वसूली के लिए एक योजना बनाई है, जिसमें बड़े बकायेदारों की सूची तैयार की गई है। इस सूची में सबसे ऊपर बुडको और पटना नगर निगम का नाम है। बुडको पर 87 करोड़ रुपये और पटना नगर निगम पर 30 करोड़ रुपये का बकाया है। इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग पर भी 17 करोड़ रुपये का बकाया है।
मार्च महीने की शुरुआत होते ही बिहार राज्य विद्युत निगम लिमिटेड ने बकाया बिजली बिलों की वसूली के लिए कमर कस ली है। वित्तीय वर्ष 2024-25 की समाप्ति से पहले बकाया राजस्व को बिजली कंपनी के खाते में जमा करने का लक्ष्य रखा गया है।
बिजली कंपनी मुख्यालय के निर्देश पर, पटना इलेक्ट्रिक सप्लाई अंडरटेकिंग (PESU) ने पटना शहर के बड़े बकायदारों की सूची तैयार की है। इस सूची में विभिन्न सरकारी विभाग और संस्थान शामिल हैं, जिन पर करोड़ों रुपए बकाया हैं।
प्रमुख बकायदार
बुडको: 87 करोड़ रुपए
पटना नगर निगम: 30 करोड़ रुपए
स्वास्थ्य विभाग: 17 करोड़ रुपए
शिक्षा विभाग: 9.51 करोड़ रुपए
पुलिस विभाग: 1.81 करोड़ रुपए
फुलवारी, खगौल और दानापुर नगर परिषद: 8.53 करोड़ रुपए
पीएचईडी: 1.34 करोड़ रुपए
रोड: 2.37 करोड़ रुपए
बेऊर जेल: 15.84 लाख रुपए
रेलवे: 2.58 लाख रुपए
बकाया की सूची डिविजन वार तैयार कराई गई है।सरकार के विभिन्न विभागों को बकाया राशि वसूलने के लिए पत्र भेजा जा रहा है।
डिविजन में पदस्थापित विद्युत कार्यपालक अधिकारी को अपने-अपने क्षेत्र के बकाया राशि वसूलने के लिए सरकार के विभिन्न विभागों के संबंधित अधिकारियों से मुलाकात करने का टास्क दिया गया है।
बिजली कंपनी ने आम जनता से भी अपील की है कि वे अपने बिजली बिलों का समय पर भुगतान करें, ताकि बिजली सेवाओं को सुचारू रूप से चलाया जा सके। समय पर बिल भुगतान करने से उपभोक्ताओं को अतिरिक्त शुल्क और कनेक्शन काटने की कार्रवाई से भी बचाया जा सकता है।
बिजली कंपनी ने विभिन्न सरकारी विभागों को पत्र भेजकर इन बकायों को वसूलने के लिए निर्देशित किया है। अधिकारियों ने बताया कि यह सूची डिविजन वार तैयार की गई है, जिससे संबंधित विद्युत कार्यपालक अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में बकाया राशि वसूलने के लिए जिम्मेदार होंगे। इस प्रक्रिया का उद्देश्य वित्तीय वर्ष 2024-25 के समाप्त होने से पहले अधिकतम राजस्व संग्रह करना है।
पटना शहर में लगभग 7.50 लाख उपभोक्ता हैं, जिनमें से करीब 6 लाख उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए गए हैं। इसके चलते घरेलू उपभोक्ताओं के पास अब कोई बड़ा बकाया नहीं रह गया है।
दक्षिण बिहार में पेसू ) द्वारा गांवों में विशेष कैंप लगाने का काम शुरू किया गया है। ये कैंप बिल सुधार, राजस्व वसूली, उपभोक्ता शिकायत निवारण और बिजली चोरी की जांच करने के लिए आयोजित किए जा रहे हैं।