Raksha Bandhan : लालू परिवार में बे'चारा' भाई, बहनों ने छोड़ा तेजू भईया का साथ, राबड़ी ने 'अपने' को छोड़ मुंहबोले भाई को बांधी राखी

PATNA : रक्षाबंधन भाई बहन के अटूट प्रेम के प्रतीक का त्योहार है। लेकिन रक्षाबंधन पर लालू परिवार में भाईयों का 'बेचारापन' देखने को मिला है। यह भी माना जा रहा है की लालू परिवार अब दो फाड़ हो चुका है। हालाँकि बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव के परिवार को हमेशा एकजुट और मजबूत राजनीतिक इकाई के रूप में देखा जाता रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यह परिवार लगातार आपसी खींचतान और दरारों की वजह से सुर्खियों में रहा है। रक्षाबंधन जैसे पावन पर्व पर भी इस बार लालू परिवार की बिखरती तस्वीर सामने आई, जब तेज प्रताप यादव ने सार्वजनिक रूप से बताया कि उन्हें सिर्फ चार बहनों हेमा यादव, रागिनी यादव, चंदा यादव और अनुष्का यादव ने ही राखी भेजी है। जबकि तेजप्रताप ने अपनी मौसेरी बहन डॉ पिंकी यादव से राखी बंधवाने की तस्वीर सोशल मीडिया में शेयर की है।
तेज प्रताप की सात बहनें हैं, जिनमें मीसा भारती, रोहिणी आचार्य और राज लक्ष्मी यादव के नाम प्रमुख हैं। इन तीनों बहनों द्वारा राखी न भेजे जाने के तेज प्रताप द्वारा उल्लेख न करना यह संकेत दे रहा है कि पारिवारिक रिश्तों में खटास गहराती जा रही है। तेज प्रताप ने कुछ तस्वीरें भी पोस्ट की जिसके साथ लिखा है - 'आज रक्षाबंधन के पावन पर्व के अवसर पर हेमा दीदी, रागिनी दीदी, चंदा दीदी और अनुष्का दीदी ने मुझे राखियां भेजी हैं। इसके लिए मेरी सभी दीदी को धन्यवाद एवं आभार प्रकट करता हूँ। साथ ही आप समस्त देशवासियों को भी राखी के इस पावन पर्व की ढेरों शुभकामनाएं।' इसके अतिरिक्त तेज प्रताप ने एक अन्य पोस्ट में बताया है कि 'आज रक्षाबंधन के पावन पर्व के अवसर पर मेरी मौसेरी बहन डॉक्टर पिंकी दीदी ने मुझे राखी बांधी। मेरी ओर से मेरी बहन पिंकी कुमारी को धन्यवाद एवं आभार।' ऐसे में जहां मौसेरी बहनों का उन्होंने जिक्र किया है वहीं अपनी तीन बहनों मीसा भारती, रोहिणी आचार्य और राज लक्ष्मी यादव का कोई जिक्र नहीं किया.
यह सब तब सामने आया है जब तेज प्रताप यादव पिछले कुछ महीनों से परिवार और पार्टी, दोनों से अलग-थलग नजर आ रहे हैं। एक युवती के साथ उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजद सुप्रीमो और उनके पिता लालू यादव ने उन्हें न सिर्फ घर से बाहर कर दिया, बल्कि पार्टी की गतिविधियों से भी किनारा कर दिया। इसके बाद तेज प्रताप ने 'टीम तेज प्रताप' नाम से अलग राजनीतिक मंच बनाने की घोषणा की, जिससे परिवार और पार्टी से उनकी दूरी और भी स्पष्ट हो गई।
बात तेजप्रताप, तेजस्वी यादव और उनकी बहनों तक ही सीमित नहीं है। एक पीढ़ी ऊपर जाए तो इनकी माँ और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी अपने भाईयों को राखी नहीं बाँध सकी। दोनों भाईयों का मतभेद लालू परिवार से बरकरार है। रक्षाबंधन के अवसर पर बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और राजद की वरिष्ठ नेता राबड़ी देवी ने एक बार फिर अपने मुंहबोले भाई और पार्टी के विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह को राखी बांधी। इस मौके पर राबड़ी देवी ने सुनील सिंह की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना की। राबड़ी देवी हर वर्ष की तरह इस बार भी परंपरा निभाते हुए सुनील सिंह के हाथ में राखी बांधने के लिए उनके आवास पर पहुंचीं।
गौरतलब है कि सुनील कुमार सिंह राष्ट्रीय जनता दल से विधान परिषद सदस्य हैं। इसके साथ ही उन्हें राजद प्रदेश कोषाध्यक्ष की अहम जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। राबड़ी देवी और सुनील सिंह के बीच वर्षों से पारिवारिक जैसा रिश्ता रहा है। राजनीतिक और व्यक्तिगत दोनों ही मोर्चों पर सुनील सिंह को लालू-राबड़ी परिवार का करीबी माना जाता है।
हालांकि इस रक्षाबंधन पर एक बार फिर यह साफ हो गया कि राबड़ी देवी के सगे भाई साधु यादव और सुभाष यादव से उनके संबंध अब भी मधुर नहीं हैं। राबड़ी देवी ने न तो उनसे कोई संपर्क साधा और न ही राखी बांधने का कोई कार्यक्रम हुआ। लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के सत्ता से हटने के बाद साधु और सुभाष यादव से उनके रिश्तों में काफी खटास आ गई थी, जो अब तक कायम है। राबड़ी देवी द्वारा हर साल सुनील सिंह को राखी बांधना यह दर्शाता है कि परिवार के बाहर भी गहरे रिश्ते बन सकते हैं, जबकि खून के रिश्ते समय के साथ कमजोर पड़ सकते हैं। सुनील कुमार सिंह बिस्कोमान के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं। वे पार्टी के भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते हैं और राजद प्रदेश कोषाध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। सुनील सिंह को लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी का करीबी माना जाता है। वर्षों से वे राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई हैं और रक्षाबंधन पर हर साल उनसे राखी बंधवाते हैं। संगठनात्मक कुशलता, ईमानदारी और राजनैतिक निष्ठा के कारण सुनील सिंह की पकड़ पार्टी के अंदर मजबूत मानी जाती है।