Patna highcourt - करदाताओं को राहत, पटना हाईकोर्ट ने कहा अनुचित तरीके से नहीं कर सकते टैक्स का निर्धारण, आईटी अधिकारियों को दिया यह निर्देश
patna highcourt - पटना हाईकोर्ट ने करदाताओं को राहत देते हुए साफ कर दिया है कि इनकम टैक्स अनुचित तरीके से टैक्स का निर्धारण नहीं कर सकते हैं।

Patna - पटना हाईकोर्ट ने करदाताओं के हित में एक महत्त्वपूर्ण निर्णय दिया है। कथित रूप से अनुचित तौर पर फिर से कर निर्धारण किए जाने को लेकर यह निर्णय जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद व जस्टिस अशोक कुमार पांडे की खंडपीठ ने सुनाया है।
खंडपीठ ने कहा है कि ऐसे मामलों में टैक्स अधिकारी इनकम टैक्स एक्ट की धारा 149 को बाईपास करने के लिए, बनावटी रूप से रकम को नहीं बढ़ा सकते हैं।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अक्षत अग्रवाल का कहना था कि तीन वर्ष के बाद पुनः कर निर्धारण के लिए इनकम का निर्धारण 50 लाख से ज्यादा का होना चाहिए। वैधानिक समय सीमा को नजरअंदाज करने के लिए अधिकारी आंकड़े को बनावटी रूप से नहीं बड़ा सकते हैं। बगैर समर्थन करने वाले तत्व के धारा 148 ए की नोटिस कानूनी तौर पर प्रभावी नहीं होगी। प्रतिवादी का पक्ष वरीय अधिवक्ता अर्चना सिंहा ने रखा।
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