राजद को बड़ा नुकसान देंगे हरा छोड़ पीली टोपी पहनने वाले तेज प्रताप यादव! लालू की तरह बनाएंगे राजनीतिक पहचान, देखिए समीकरण
टीम तेज प्रताप यादव बनाने के साथ ही पीली टोपी धारण करने वाले तेज प्रताप यादव से सबसे बड़ा खतरा राजद को माना जा रहा है. आंकड़े और समीकरण भी कई किस्म के संकेत देते हैं.

Tej Pratap Yadav: बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव हमेशा से ही अपनी अनोखी कार्यशैली, बयानों और बागी तेवरों के कारण चर्चा में रहते हैं। हाल ही में उनके बदलते रुख और संगठनात्मक निर्णयों से असहमति के संकेतों ने एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की शीर्ष नेतृत्व के लिए चिंता बढ़ा दी है। यह परिस्थिति आगामी 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए भारी पड़ सकती है।
तेज प्रताप यादव की निजी जिंदगी में एक लड़की से उनके रिश्ते के खुलासे के बाद लालू यादव ने उन्हें 6 साल के पार्टी निकाला और परिवार से बेदखल कर दिया। इसके बाद से ही तेज प्रताप के सियासी भविष्य को लेकर कई किस्म की चर्चा होने लगी। अब तेज प्रताप का हरी टोपी छोड़कर पीली टोपी अपनाना बिहार की सियासत में एक नया संकेत है। परोक्ष रूप से देखा जाए तो टीम तेज प्रताप का मतलब यह भी है कि अब वे स्वयं को केवल “नेता का बड़ा भाई” (तेजस्वी यादव) मानने तक सीमित नहीं रखना चाहते। उनके हालिया बयानों में यह झलकता है कि वे अपने समर्थकों के बीच एक अलग राजनीतिक पहचान बनाना चाहते हैं।
निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान
'टीम तेज प्रताप यादव' की घोषणा करने के साथ ही तेज प्रताप यादव ने महुआ विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है. तेज प्रताप का यह कदम राजद के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है. सियासी जानकारों का मानना है कि उनके इस कदम से राजद के कई अन्य नेताओं को भी तेज प्रताप यादव के साथ आने का मौका मिल सकता है. विशेषकर वैसे नेता जो पार्टी में किनारे लगा दिए गए हैं उनके लिए तेज प्रताप यादव एक बड़ी उम्मीद बन सकते हैं. तेज प्रताप यादव भी स्पष्ट कर चुके हैं कि उनका दरवाजा सबके लिए खुला है.
पीली टोपी से किस ओर इशारा
तेज प्रताप यादव शुरू से ही राजद के हरे रंग की टोपी पहनते रहे हैं. लेकिन अब उन्होंने टीम तेज प्रताप यादव बनाई तो माथे पर पीली टोपी धारण कर लिया. उनका यह बदला रुख भी बड़े सियासी समीकरण का संकेत माना जा रहा है. पिछले दिनों ही जब बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में राजद सहित विपक्षी सदस्यों ने विरोध जताने के लिए काला कपड़ा पहना था तब भी तेज प्रताप सफेद कुर्ता में सदन आये थे. यहां तक कि उनसे जब पूछा कि वे काला कुर्ता में क्यों नहीं हैं तो उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि उन पर सनीचरा चल रहा है. वहीं विधानसभा में तेज प्रताप का उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के साथ फोटो भी आया था. अब पीली टोपी पहनने से उनके नए सियासी गठजोड़ बनाने की चर्चा है.
राजद को झटका
राजद के लिए यह स्थिति इसलिए भी गंभीर है क्योंकि तेज प्रताप का एक खास युवा वोटबैंक को प्रभावित करने वाली छवि के नेता के तौर पर माना जाता है. अब वे स्वतंत्र रूप से राजनीतिक गतिविधियां चलाते हैं, तो यह वोटों के बंटवारे की स्थिति पैदा कर सकता है। विशेष रूप से यादव और मुस्लिम समुदायों में इस तरह की फूट, राजद को कमजोर कर सकती है। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि तेज प्रताप का नया रुख आने वाले चुनाव में राजद के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकता है.