तेज प्रताप यादव विधानसभा चुनाव में करेंगे बड़ा खेल , मल्लाह, यादव, दलित और किसान वोट को जोड़ने की रणनीति, इन सीटों पर उतारेंगे प्रत्याशी

टीम तेज प्रताप’ नामक यह गठबंधन बिहार की पारंपरिक राजनीति को चुनौती देने का दावा कर रहा है। छोटे दलों के इस समेकन को राज्य की बदलती राजनीतिक फिजा में एक नया प्रयोग माना जा रहा है।

तेज प्रताप यादव विधानसभा चुनाव में करेंगे बड़ा खेल , मल्लाह,

 Tej Pratap Yadav: बिहार की सियासत में एक नया सियासी मोर्चा तैयार हो चुका है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए 'टीम तेज प्रताप' के नाम से एक नया राजनीतिक मंच तैयार किया है। इस मंच को मज़बूती देने के लिए उन्होंने राज्य की पाँच क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन किया है, जो चुनावी मैदान में एकजुट होकर उतरने जा रही हैं। हालांकि ये पांचों दल काफी छोटी छोटी पार्टियां हैं लेकिन सियासी तौर पर इन दलों के नेताओं की कुछ क्षेत्र विशेष में खास पहचान है। ऐसे में विधानसभा चुनाव के दौरान इसका असर कई विधानसभा सीटों पर देखा जा सकता है।


कई जातियों और क्षेत्रों के नेताओं का जमावड़ा

दरअसल, तेज प्रताप यादव ने अपनी अलग पार्टी भले न बनाई हो, लेकिन वह इस नए गठबंधन के ज़रिए अपनी राजनीतिक उपस्थिति दर्ज कराने की पूरी तैयारी में हैं। इस गठबंधन की सबसे अहम कड़ी 'वीवीआईपी' (विकासशील इंसान पार्टी) से अलग होकर बनी पार्टी है, जिसकी अगुवाई प्रदीप निषाद कर रहे हैं। निषाद समुदाय से आने वाले प्रदीप निषाद को 'हेलिकॉप्टर बाबा' के नाम से भी जाना जाता है। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर निवासी प्रदीप निषाद पहले मुकेश सहनी के करीबी रहे और वीआईपी पार्टी में 2017 से 2021 तक सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं। लेकिन अब उन्होंने अपनी नई पार्टी बनाकर तेज प्रताप के साथ गठबंधन कर लिया है।


इस गठबंधन में शामिल दूसरी पार्टी भोजपुरिया जनमोर्चा है, जिसके अध्यक्ष भरत सिंह हैं। भोजपुरी अस्मिता और भोजपुर राज्य की मांग को लेकर शुरू हुआ यह संगठन 2023 में एक राजनीतिक दल में तब्दील हुआ था और अब तेज प्रताप के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की तैयारी में है। गठबंधन की तीसरी पार्टी प्रगतिशील जनता पार्टी है, जिसकी कमान वकील मनोरंजन कुमार श्रीवास्तव के हाथ में है। श्रीवास्तव बिहार के छपरा जिले से ताल्लुक रखते हैं और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर मुखर रहे हैं।


चौथी पार्टी वाजिब अधिकार पार्टी है, जिसकी अगुवाई विद्यानंद राम कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ छोड़कर यह पार्टी बनाई और अब वह इस नए राजनीतिक मंच का हिस्सा हैं। गठबंधन में पाँचवीं पार्टी संयुक्त किसान विकास पार्टी है, जिसकी शुरुआत किसानों के मुद्दों को लेकर हुई थी। अब यह संगठन एक राजनीतिक दल के रूप में चुनावी अखाड़े में उतर रहा है।


किन सीटों पर नजर

‘टीम तेज प्रताप’ नामक यह गठबंधन बिहार की पारंपरिक राजनीति को चुनौती देने का दावा कर रहा है। छोटे दलों के इस समेकन को राज्य की बदलती राजनीतिक फिजा में एक नया प्रयोग माना जा रहा है। आने वाले हफ्तों में इस मोर्चे की रणनीति, सीटों का बंटवारा और प्रमुख घोषणाएं सामने आ सकती हैं। वहीं तेज प्रताप यादव ने पहले ही घोषणा कर रही है कि वे महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। इससे अतिरिक्त जिन पांच दलों के साथ उन्होंने गठजोड़ किया उन दलों के नेताओं भी जातीय और क्षेत्रीय समीकरण के हिसाब से कई सीटों पर दावा ठोक सकते हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही कुछ अन्य दलों के बागी या नाराज नेताओं को साथ लेकर तेज प्रताप को बड़ा खेला कर सकते हैं। अब बिहार की जनता इस नए गठबंधन को किस रूप में स्वीकार करती है, यह आने वाला चुनाव तय करेगा, लेकिन इतना तय है कि 'टीम तेज प्रताप' ने प्रदेश की राजनीति में एक नई हलचल जरूर पैदा कर दी है।


लालू ने घर-पार्टी से निकाला  

तेज प्रताप यादव की जब अनुष्का यादव के साथ तस्वीरें सामने आई तो लालू यादव ने कड़ा रुख अख्तिया किया. तेज प्रताप यादव को घर और पार्टी से बेदखल करने की घोषणा कर दी. इसके बाद तेज प्रताप यादव अब नया सियासी मोर्चा बनाकर चुनाव में उतरने को तैयार हैं.