Bihar Voter List Revision: वोटर लिस्ट पुनरीक्षण को लेकर तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर किया बड़ा हमला, सबूत दिखाकर पूछा तीखा सवाल, कर दी बड़ी मांग

Bihar Voter List Revision: बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है। जिसका विपक्ष के द्वारा विरोध किया जा रहा है। इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉफ्रेंस कर ईसी से कई सवाल किए है।

तेजस्वी यादव
तेजस्वी का बड़ा हमला - फोटो : reporter

Bihar Voter List Revision: बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सियासत गरमाई हुई है। इसी मुद्दे पर महागठबंधन की ओर से सोमवार को एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत महागठबंधन के नेताओं ने चुनाव आयोग (EC) की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए।

आयोग पर लगाए दिशाहीनता के आरोप

तेजस्वी ने कहा कि, हमने एक प्रतिनिधिमंडल के तौर पर चुनाव आयोग से मुलाकात की थी लेकिन हमारे किसी भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। आयोग एक ही दिन में तीन अलग-अलग दिशानिर्देश जारी कर देता है। इससे मतदाता भ्रमित हो रहे हैं।"

एक ही दिन में तीन अलग निर्देश, क्यों?

तेजस्वी यादव ने कहा कि, छह जुलाई को EC ने इश्तिहार निकाला। उसी दिन तीन अलग-अलग विज्ञापन के माध्यम से अलग-अलग जानकारियाँ दी गईं। एक विज्ञापन में कहा गया कि अगर आपके पास फोटो या पहचान पत्र नहीं है, तब भी गणना प्रपत्र भरकर बीएलओ को जमा कर सकते हैं। लेकिन दूसरे विज्ञापन में कुछ और लिखा है और तीसरे में कुछ और। उन्होंने कहा कि EC अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए भी अलग-अलग जानकारी दे रहा है। इससे मतदाता और लोकतंत्र की पवित्र प्रक्रिया के प्रति गहरा अविश्वास पैदा हो रहा है।

आधार और मनरेगा कार्ड को मान्य करने की मांग

तेजस्वी यादव ने एक बार फिर चुनाव आयोग से आधार कार्ड और मनरेगा जॉब कार्ड को पहचान दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने की मांग की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और वंचित तबकों के पास अक्सर वही दस्तावेज होते हैं। इसलिए आयोग को चाहिए कि वह इन दस्तावेजों को भी वैध माने। तेजस्वी यादव ने ईसी के पोस्टों को सामने रखकर सवाल खड़ा किया। 

तेजस्वी की मांग

तेजस्वी ने कहा कि चुनाव आयोग की शाख पर सवाल उठ रहा है जो लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। तेजस्वी ने कहा कि हमारी कुछ मांगें हैं। पहली मांग है कि भारतीय निर्वाचन आयोग तत्काल इस मामले में लिखित और आधिकारिक आदेश जारी करें। दूसरी मांग है कि किसी भी विज्ञापन या फेसबुक पोस्ट की जगह राज्य पत्र अधिसूचना या सार्वजनिक अधिसूचना के द्वारा नीति बताई जाए। तीसरी मांग बिना दस्तावेज प्राप्त फॉर्म की दुरुप्रयोग की आशंका को ध्यान में रखते हुए स्वतंत्र निगरानी तंत्र बनाया जाए। चौथा मांग मतदाता नामांकन हटाने की प्रक्रिया में पूर्व पारदर्शिता और राजनीति निरपेक्षता सुनिश्चित हो। पांचवा आयोग विपक्ष एवं जनता द्वारा उठाए जा रहे सवाल, शिकायत और गंभीर आरोपों का बिंदुबर जवाब दें। आयोग इसकी निष्पक्ष जांच कराए और किसी भी प्रकार की राजनीतिक मिलीभगत को रोकने के लिए आयोग कठोर कदम उठाए।

तेजस्वी के द्वारा पूछे गए सवाल 

तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग से कई सवाल भी पूछा है..

1. क्या भारतीय निर्वाचन आयोग को केवल वही 11 दस्तावेज स्वीकार करने का विशेषाधिकार प्राप्त है? 

2. सरकार द्वारा जारी अन्य दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, राशन कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, इत्यादि मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया में अस्वीकार्य क्यों है, भले ही वे पहचान या निवास सिद्ध करें? 

3. आधार कार्ड जारी करते वक्त सरकार आपकी आँखों की पुतली, फ़िंगरप्रिंट्स सहित पहचान और आवास के कई दस्तावेज माँगती है तभी आधार कार्ड बनता है। फिर सरकार अपने द्वारा बनाए गए आधार कार्ड को क्यों छाँट रही है?

4. यदि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम अथवा संविधान में ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है तो यह 11 दस्तावेजों की सूची किस प्रक्रिया से तय हुई? क्या यह न्यायसंगत है? 

5. बिहार के 4 करोड़ से अधिक निवासी अन्य राज्यों में स्थायी और अस्थायी कार्य करते है। क्या 18 दिन में वो अपना सत्यापन कर पाएंगे? क्या सरकारी स्तर पर उन्हें बिहार लाने की कोई योजना है अथवा उनके वोट काटना उद्देश्य है? 

6. सत्यापन कार्य में मतदाता को सफ़ेद पृष्ठभूमि के साथ अपनी रंगीन फ़ोटो लगानी है। क्या सभी घरों/परिवारों में फ़ोटो उपलब्ध है? क्या अन्य दस्तावेज़ों की फ़ोटोकॉपी उपलब्ध है? उन्हें निर्वाचन आयोग को यह सब उपलब्ध कराने के लिए फ़ोटोस्टूडियो जाकर फ़ोटो खिंचाना होगा। यह प्रक्रिया ग़रीब मतदाताओं के उत्पीड़न के अलावा वित्तीय बोझ भी है। 

7. निर्वाचन आयोग Dashboard के ज़रिए सभी को बताए को प्रतिदिन कितने मतदाताओं का अब तक सत्यापन हुआ? कितने मतदाताओं का मत अस्वीकृत हुए? अगर इनकी मंशा ठीक है तो चुनाव आयोग को इस पर Dashboard के माध्यम से Live Realtime अपडेट देना चाहिए। 

8. निर्वाचन आयोग ने बताया कि प्रत्येक BLO के साथ 4 स्वयंसेवक लगाए गए है। हमने पूछा कि ये वॉलियंटर्स कौन है और इनके चयन का मानदंड क्या है? क्या वो सरकारी कर्मचारी है अथवा अन्य लोग?? हमने माँग रखी कि चुनाव आयोग BLO की तरह इन वॉलंटियर्स" यानि स्वयंसेवकों की भी सूची प्रकाशित करें ताकि सभी लोग उनका सत्यापन कर सकें।