PATNA - बिहार से मक्का अनुसंधान संस्थान को हटाकर कर्नाटक के शिवमोग्गा स्थानांतरित करने को लेकर तेजस्वी यादव ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने केंद्र के फैसले का विरोध जताते हुए कहा कि बिहार के अन्नदाता इसका हिसाब करेंगे। तेजस्वी ने बताया कि इस अनुसंधान केंद्र को लालू प्रसाद ने 1997 में स्थापित किया था।
मक्का अनुसंधान केंद्र को बिहार से हटाए जाने को लेकर तेजस्वी ने नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा कि आखिर बिहार और बिहार के किसानों से क्या दिक्कत है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, NDA और भाजपा को? भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर) के बेगूसराय स्थित क्षेत्रीय मक्का अनुसंधान एवं बीज उत्पादन केंद्र को नरेंद्र मोदी सरकार ने कर्नाटक के शिवमोग्गा में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है।
वह भी तब जब नीलगाय और बाढ़ की समस्या का सामना करते हुए भी मक्का उत्पादन में बिहार के अन्नदाता किसान पूरे देश में अव्वल हैं। पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया और समस्तीपुर जिलों के किसानों की आय का मुख्य स्रोत मक्का की खेती ही है। नरेंद्र मोदी सरकार का यह फैसला किसान और बिहार विरोधी है। बिहार के अन्नदाता इसका हिसाब करेंगे।
वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दूँ क्षेत्रीय मक्का अनुसंधान एवं बीज उत्पादन केंद्र, कुशमहौत, बेगूसराय की स्थापना 4 मई 1997 को जनता दल के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय श्री लालू प्रसाद जी के नेतृत्व में जनता दल की अगुवाई में बनी संयुक्त मोर्चा सरकार के प्रधानमंत्री स्व॰ श्री इंद्र कुमार गुजराल जी के कार्यकाल में हुआ था।
लेकिन एक यह NDA की सरकार है जिसमें श्री नीतीश कुमार सहित तीन अन्य असहाय सहयोगी है जो बिहार में कुछ नए संस्थान और उद्योग-धंधे तो स्थापित कर नहीं सकते बल्कि बिहार में पूर्व से स्थापित ऐसे संस्थान जाने पर चीयर करते है। NDA सरकार बिहार और बिहारियों की आँखों में धूल झोंकने का काम कर रही है।
दिन-रात, सोते-जागते हिंदू-मुस्लिम करने वाले बेगूसराय के सांसद सह केंद्रीय मंत्री को शर्म तो आती नहीं है।
REPORT - RANJAN SINGH