घर-घर सर्वे कर 6 से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की पहचान, शिक्षा विभाग का बड़ा प्लान तैयार, जानें पूरा मामला
शिक्षा से वंचित बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए विभाग 22 दिसंबर से घर-घर सर्वे करेगा। 6 से 19 वर्ष के बच्चों की पहचान कर उनका नामांकन कराया जाएगा। हेल्प डेस्क भी बनेंगे।
Patna -शिक्षा से वंचित बच्चों को मुख्यधारा में लाने और उन्हें शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए शिक्षा विभाग ने एक व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत अब विभाग द्वारा घर-घर जाकर ऐसे बच्चों का सर्वे किया जाएगा जो किसी न किसी कारण से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य इन बच्चों की सही पहचान करना और उन्हें दोबारा विद्यालय से जोड़कर उनकी पढ़ाई शुरू कराना है, जिसके लिए विभाग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है।
मिलेंगे सही आंकड़े
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यह पहल की जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि समाज का हर बच्चा शिक्षित हो। इस अभियान के तहत विशेष रूप से 6 से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की पहचान करने का लक्ष्य रखा गया है। सही आंकड़े जुटाने और सर्वे को प्रभावी बनाने के लिए डायट परिसर में विशेषज्ञों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि वे इस कार्य को सटीकता से अंजाम दे सकें।
सर्वे के लिए बने दो समूह
सर्वे कार्य को व्यवस्थित रूप से चलाने के लिए इसे दो समूहों में बांटा गया है। पहले समूह में 6 से 14 वर्ष तक के बच्चे शामिल होंगे, जिनकी पहचान कर उन्हें उनकी उम्र के सापेक्ष उचित कक्षा में नामांकित कराया जाएगा। वहीं, दूसरे समूह में 15 से 19 वर्ष तक के किशोरों को रखा गया है। इस समूह के लिए यह पता लगाया जाएगा कि किन कारणों से उन्होंने 10वीं या 12वीं की पढ़ाई बीच में छोड़ दी, ताकि उन कारणों का निवारण कर उन्हें संबंधित कक्षा में दोबारा दाखिल कराया जा सके।
दिया जा रहा प्रशिक्षण
इस महाअभियान को सफल बनाने के लिए सभी सरकारी और सहायता प्राप्त विद्यालयों में 'हेल्प डेस्क' का गठन किया जाएगा। प्रशिक्षण का दौर भी चरणबद्ध तरीके से जारी है; जहां 3 से 8 दिसंबर तक विशेषज्ञों को ट्रेनिंग दी गई, वहीं अब 9 से 15 दिसंबर तक प्रखंड स्तर पर विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण यह सुनिश्चित करेगा कि जमीनी स्तर पर सर्वे में कोई तकनीकी या व्यवहारिक चूक न हो।
इस तारीख से शुरू होगा सर्वे
विभाग ने सर्वे और डेटा कलेक्शन के लिए तिथियां भी निर्धारित कर दी हैं। 16 से 21 दिसंबर तक विद्यालयों में हेल्प डेस्क के माध्यम से आंकड़े जुटाए जाएंगे। इसके बाद, 22 से 29 दिसंबर तक गृहवार (घर-घर) सर्वे का मुख्य चरण चलाया जाएगा। अंत में, प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए 30 और 31 दिसंबर को आमसभा आयोजित कर एकत्रित आंकड़ों का सत्यापन (पुष्टि) किया जाएगा, जिसके बाद नामांकन की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी