Patna News: पटना में लगी जादुई मशीन, फेंको प्लास्टिक की बोतल, पाओ कैश, ईको-क्रांति का हाईटेक ऑपरेशन!
नगर निगम ने पटना को प्लास्टिक-फ्री और स्वच्छ बनाने के मिशन में एक नई तकनीकी छलांग लगाई है।...
Patna News: बिहार की राजधानी पटना में सफाई और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बेहद अनोखी और हाई-टेक पहल शुरू की गई है। शहर के जेपी गंगा पथ पर ऐसी मशीन लगाई गई है, जिसके अंदर आप बेकार प्लास्टिक की बोतल डालिए और बदले में आकर्षक गिफ्ट, कैश या ग्रीन प्वाइंट पाइए। सुनने में यह किसी गेम की तरह लगता है, लेकिन यह असल में रिवर्स वेंडिंग मशीन है, जो आजकल शहर में चर्चा का सबसे बड़ा विषय बनी हुई है।
नगर निगम ने पटना को प्लास्टिक-फ्री और स्वच्छ बनाने के मिशन में एक नई तकनीकी छलांग लगाई है। जेपी गंगा पथ पर दो, मौर्यालोक में एक और मीनार घाट पर दो मशीनें इंस्टॉल की गई हैं। अब लोग प्लास्टिक की बोतलें कूड़े में फेंकने के बजाय सीधे इन मशीनों में डाल सकेंगे। इससे न सिर्फ पर्यावरण सुरक्षित होगा, बल्कि लोग हर बोतल के बदले नकद, कूपन या ग्रीन पॉइंट भी अर्जित करेंगे। यानी कचरा फेंको मत—रीसायकल करो, और इनाम घर ले जाओ!
नगर आयुक्त का कहना है कि ये पहल शहरवासियों में पर्यावरणीय जिम्मेदारी और जागरूकता बढ़ाएगी। हर नागरिक अगर एक-एक बोतल मशीन में डाल दे, तो पटना के कचरे का पहाड़ कम होता जाएगा। इन मशीनों के संचालन और तीन साल तक रखरखाव की जिम्मेदारी बायोक्रक्स प्राइवेट लिमिटेड को दी गई है।
ये मशीन प्लास्टिक, एल्युमिनियम कैन और कांच की बोतलें स्वीकार करती है।बोतल डालते ही मशीन नंबर वेरिफिकेशन के बाद ग्रीन प्वाइंट या कैश वैल्यू मोबाइल नंबर से लिंक कर देती है।मशीन इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और वाई-फाई से लैस है हर बोतल का डेटा ऑनलाइन ट्रैक होता है।इसमें इनबिल्ट क्रशर है, जो बोतलों को तुरंत कंप्रेस कर देता है ताकि उन्हें रीसाइक्लिंग सेंटर भेजने में आसानी हो।अगर शहरवासी इस अभियान में हिस्सा लेते रहे, तो हर साल अनुमानित है कि 42 टन CO₂ उत्सर्जन कम होगा, साथ हीं 700 लीटर ईंधन की बचत होगी और 52 लीटर पानी संरक्षित होगा।
पटना अब सिर्फ सफाई की बात नहीं कर रहा, बल्कि टेक्नोलॉजी के जरिए कचरे को पैसे में बदल रहा है। यह पहल साबित करती है कि शहरों को स्मार्ट सिर्फ सड़क और बिल्डिंग नहीं, सोच और सिस्टम बनाते हैं। עכשיו प्लास्टिक बोतल फेंकना नहीं—डालना है मशीन में और लेना है रिवॉर्ड। पटना ने एक छोटा कदम उठाया है, लेकिन यह कदम हर नागरिक को पर्यावरण का सिपाही बनाने की ताकत रखता है।