waqf amendment bill 2025: वक्फ संशोधन कानून 2025 पर सियासी भूचाल: जदयू के मुस्लिम नेताओं का सामूहिक इस्तीफा, 15 लोगों ने छोड़ा नीतीश का साथ
वक्फ संशोधन कानून 2025 के विरोध में बिहार के मोतिहारी जिले के ढाका क्षेत्र से जदयू के 15 मुस्लिम नेताओं ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है। जानें इस सियासी घटनाक्रम की पूरी कहानी और जदयू की प्रतिक्रिया।

waqf amendment bill 2025: वक्फ संशोधन कानून 2025, राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ अब प्रभावी हो चुका है। यह कानून वक्फ संपत्तियों की निगरानी, पारदर्शिता और उपयोग को लेकर कई अहम बदलाव लाता है। लेकिन, बिहार की सियासत में यह कानून सियासी भूचाल का कारण बन गया है, खासकर मुस्लिम समुदाय के बीच।जदयू, जो बिहार में एनडीए गठबंधन का प्रमुख दल है, ने संसद में इस विधेयक का समर्थन किया, जिससे पार्टी के मुस्लिम नेताओं में नाराजगी साफ तौर पर देखी जा रही है।
जदयू मुस्लिम नेताओं का सामूहिक इस्तीफा: ढाका विधानसभा बना केंद्र बिंदु
पूर्वी चंपारण जिले के ढाका विधानसभा क्षेत्र, जो मुस्लिम बहुल इलाका है, से 15 मुस्लिम नेताओं ने जदयू से सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वाले सभी नेताओं ने खुले मंच से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी नाराजगी जताई।
इस्तीफा देने वालों में प्रमुख नाम:
1. गौहर आलम-प्रखंड अध्यक्ष युवा जदयू ढाका 2. मो. मुर्तुजा - कोषाध्यक्ष - नगर परिषद ढाका 3. मो० शबीर आलम- प्रखण्ड उपाध्यक्ष युवा जदयू ढाका
4. मौसिम आलम- नगर अध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ढाका
5. जफीर खान नगर सचिव ढाका
6. मो. आलम, नगर महासचिव ढाका
7. मो. तुरफैन प्रखंड महासचिव युवा जदयू ढाका
8. मो. मोतिन नगर उपाध्यक्ष ढाका
9. सुफैद अनवर, करमावा पंचायत युवा अध्यक्ष
10. मुस्तफा कमाल (अफरोज) युवा प्रखंड. उपाध्यक्ष
11. फिरोज सिद्धीको प्रखंड सचिव युवा जदयू ढाका
12. सलाउद्दीन अंसारी - नगर महासचिव ढाका
13. सलीम अंसारी नगर महासचिव ढाका
14. एकरामुल हक, नगर सचिव ढाका
15. सगीर अहमद - नगर सचिव ढाका
इन नेताओं का कहना है कि "नीतीश कुमार को मुसलमानों का हितैषी समझा था, लेकिन उन्होंने भरोसे को तोड़ा है।"
जदयू की सफाई: ‘राजनीतिक साजिश
इस घटना के तुरंत बाद, जदयू ढाका प्रखंड अध्यक्ष नेहाल अख्तर ने प्रेस को बताया कि इन 15 में से केवल एक युवा अध्यक्ष ही पार्टी पदाधिकारी है। बाकी किसी का पार्टी से कोई आधिकारिक नाता नहीं है। यह सब विपक्षियों की साजिश है पार्टी को बदनाम करने की। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ये नेता वाकई जदयू के सदस्य थे, तो प्राथमिक सदस्यता का प्रमाण दिखाएं। यह बयान यह संकेत करता है कि पार्टी भीतर से इस विवाद को कम करके आंकना चाहती है, ताकि सार्वजनिक छवि पर असर न पड़े।
वक्फ संशोधन बिल: मुस्लिम समाज की चिंताएं क्या हैं?
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 में जो परिवर्तन किए गए हैं, उनमें मुख्य रूप से शामिल हैं।मुस्लिम समाज के एक बड़े वर्ग को आशंका है कि इन संशोधनों से वक्फ संपत्तियों पर सरकारी हस्तक्षेप बढ़ेगा, जिससे धार्मिक आजादी और स्वायत्तता प्रभावित हो सकती है।
आस्था, अधिकार और राजनीति का टकराव
वक्फ संशोधन कानून 2025 एक तरफ जहां सरकारी पारदर्शिता और निगरानी को मजबूत करने की कोशिश करता है, वहीं दूसरी तरफ यह धार्मिक संस्थाओं की स्वायत्तता और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर गहरे सवाल खड़े करता है। बिहार में जदयू मुस्लिम नेताओं के इस्तीफे से यह साफ है कि यह कानून केवल कानूनी बदलाव नहीं, राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन का कारण बन चुका है।