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Bihar bypoll election 2024 -बेलागंज की चुनावी जंग : जिस शख्स पर नीतीश और रामविलास पासवान ने जताया भरोसा, उसे पीके ने मैदान में उतारा, सांसद सुरेन्द्र यादव के बेटे से होगा मुकाबला

Bihar bypoll election 2024- बिहार में चार सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हो रहे है। इसी कड़ी में बेलागंज में प्रशांत किशोर ने ऐसे शख्स पर भरोषा जताया है। जो कभी राम विलास पासवान और नीतीश कुमार के करीबी हुआ करते थे।

बेलागंज का बाजीगर कौन !
बेलागंज का बाजीगर कौन !- फोटो : ऋतिक

Bihar bypoll election 2024 - बिहार विधानसभा उपचुनाव 2024 की जैसे ही घोषणा हुई नई नई पार्टी गठित करने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने चुनाव में दो दो हाथ करने का मन बना लिया। उन्होंने बिहार के चार विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी आनन फानन में उतार दिए। लेकिन कुछ ही दिन बाद रणनीति तब औंधे मुंह गिरी, जब एस के  सिंह के नाम बिहार के मतदाता सूची में नहीं होने के कारण वहां प्रत्याशी बदलना पड़ा ।

 वहीं जब बेलागंज में खिलाफत हुसैन की घोषणा हो रही थी तब जन सुराज के कार्यकत्ताओं के बीच जूतम पैजार शुरू हो गया था । उसके बाद आज दो विधानसभा सीट तरारी और बेलागंज में जन सुराज ने अपने प्रत्याशी बदल दिए है।  इन दो सीटों में सबसे महत्वपूर्ण सीट है बेलागंज । बेलागंज विधानसभा की बात करे तो 1990 से अब तक सुरेन्द्र यादव ने ही अब तक जीत का परचम लहराया है। उन्होंने अब तक आठ बार विधानसभा में बेलागंज का प्रतिनिधित्व किया है। 

लेकिन 1998 में सुरेंद्र यादव जहानाबाद से लोकसभा चुनाव जीत गए, जिसके बाद यहाँ हुए उस उपचुनाव में राजद के ही महेश सिंह यादव विधायक बने। लेकिन अगले ही साल हुए लोकसभा चुनाव में सुरेंद्र यादव की हार हो गई। सुरेंद्र यादव वापस 2000 में बेलागंज से चुनाव लड़ने आ गए और करीब 23,000 वोटों के बड़े अंतर से भाजपा के कृष्ण सिंह को हराया। बेलागंज के चुनावी रिकार्ड को देखे तो 1990 से 2005 तक उन्होंने हर बार विरोधी प्रत्याशी  को एक तरफा हराया । लेकिन 2005 फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में बेलागंज में एक नया नाम चर्चा में आया वो नाम था मोहम्मद  अमजद का।

 फरवरी 2005 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में अमजद को लोजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया । इस चुनाव के जब परिणाम आए तो अमजद दूसरे स्थान पर रहे ,सुरेन्द्र यादव ने जीत दर्ज की। लेकिन इस चुनाव में  किसी दल को बहुमत नहीं मिलने के कारण अक्टूबर में बिहार में फिर विधानसभा के चुनाव हुए और इस चुनाव में अमजद ने सुरेन्द्र यादव को कड़ी टक्कर दी।  महज कुछ हजार के मामूली अंतर से सुरेन्द्र यादव से हारे । 2010  के विधानसभा चुनाव में भी जदयू ने मों. अमजद से जदयू के प्रत्याशी बनाया और इस बार भी अमजद मामूली अंतर से चूक गए । 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में अमजद को किसी दल ने चुनावी समर में नहीं उतारा, इसलिए वो चुनाव नहीं लड़े । लेकिन इस बार हो रहे विधानसभा उपचुनाव में जन सुराज ने मोहम्मद अमजद के  पिछले ट्रैक रिकार्ड को देखते हुए प्रत्याशी बनाते हुए एक बड़ी राजनीतिक चाल चली है। बेलागंज विधानसभा की बात करे तो इस विधानभा में सबसे अधिक यादव समाज के मतदाता है। उससे कुछ हजार कम ही मुस्लिम समुदाय के वोटर है। 

इस बार इंडिया गठबंधन और एनडीए दोनो के तरफ से यादव समाज के ही प्रत्याशी मैदान में है। अगर यादव समाज के वोटरों में विखराव होता है। औऱ जन सुराज मुस्लिम समुदाय के वोटरों को गोलबंद कर ले  तो इस बार मों अमजद के हाथ जीत की बाजी लग सकती है।


 पटना से ऋतिक कुमार की रिपोर्ट 

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