Bihar Edcation Department: बिहार के शिक्षा विभाग इन दिनों शिक्षकों से लेकर विभाग के पदाधिकारियों पर एक्शन लेने में कोताही नहीं बरत रहा. इसका परिणाम भी देखने को मिल रहा है. इसी के तहत बिहार के तीन डीईओ को निलम्बन का दंश भी झेलना पड़ा है. वहीं अब एक बार फिर से शिक्षा विभाग ने एक साथ 25 जिलों के डीईओ पर एक्शन लेते हुए सिर्फ 96 घंटे का मौहलत दिया है.
आख़िरकार यह नौबत क्यों आई
मामला आटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री यानी अपार कार्ड बनवाने से जुड़ा है. इसमें लेट लतीफी करने वाले बिहार के25 जिलों के डीईओ पर एक्शन लिया गया है. दरअसल, APAAR, जिसका अर्थ है ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री, भारत में सभी छात्रों के लिए डिजाइन एक विशेष पहचान प्रणाली है. अपार आईडी छात्र के लिए एक स्थाई डिजिटल पहचान के रूप में काम करती है. यह पहल सरकार की ओर से शुरू 'एक देश, एक छात्र आईडी' कार्यक्रम का हिस्सा है, जो 2020 की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़ी है. इसे बिहार के भी सभी स्कूलों लागू करना है और सभी छात्रों का अपार कार्ड बनना है.
इन जिलों के डीइओ पर एक्शन
अपार कार्ड बनवाने में तय समय में लक्ष्य पूरा नहीं करने के कारण राज्य के 25 जिलों के डीईओ पर गाज गिरी है. शिक्षा विभाग ने पटना, सारण, बक्सर, गया, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, कटिहार, किशनगंज, मधुबनी, सहरसा, जहानाबाद, शिवहर, सीतामढ़ी, भोजपुर, बेगूसराय, जमुई, गोपालगंज, लखीसराय, पश्चिम चंपारण, अररिया, अरवल, बांका, सीवान, मुजफ्फरपुर और मधेपुरा के डीइओ से इस मामले में जवाब तलब किया है.
अपार का हाल
राज्य परियोजना निदेशक के अनुसार अपार की धीमी प्रगति से ऐसा लग रहा है कि डीइओ इस कार्य में वे रुचि नहीं ले रहे हैं. अब तक इन 25 जिलों में राज्य के औसत प्रतिशत 5.54 प्रतिशत से भी कम अपार बना है. ऐसे में सभी 20 जिलों के डीईओ से तीन दिनों का समय देते हुए पूरा ब्यौरा मांगा गया है.