Bihar News: बिहार के विकास की दिशा निर्धारित करने के लिए 'बिहार विजन डॉक्यूमेंट 2047' का निर्माण किया जाएगा। इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 26 जनवरी 2025 को प्रस्तुत करेंगे। इस 'बिहार 2047 विजन डॉक्यूमेंट' में राज्य की प्रमुख विकासात्मक चुनौतियों की पहचान करते हुए मौजूदा संसाधनों के उपयोग पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। यह दस्तावेज बिहार के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक परिवर्तनकारी मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करेगा, जिसमें बुनियादी ढांचे के विकास, आर्थिक उन्नति, शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने तथा सामाजिक समावेशिता को सुनिश्चित करने की रणनीतियाँ शामिल होंगी।
सोमवार को बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) ने ‘बिहार विजन डॉक्यूमेंट 2047’ के निर्माण हेतु एक अंतर-विभागीय परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में राज्य के 30 से अधिक विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यशाला में बिपार्ड के महानिदेशक केके पाठक और सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव डॉ. बी. राजेंदर भी उपस्थित रहे। केके पाठक ने टीमवर्क और सामूहिक दृष्टिकोण के महत्व पर विशेष ध्यान दिया।
कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में प्रतिनिधियों ने रचनात्मक विचारों और गतिविधियों के माध्यम से अपने व्यक्तिगत दृष्टिकोण साझा किए और 'विकसित बिहार 2047' विषय पर टैगलाइन के लिए सुझाव दिए। मनरेगा आयुक्त, अभिलाषा शर्मा ने विभाग की सामाजिक सशक्तीकरण और पर्यावरणीय स्थिरता पर आधारित दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने उन्नत कृषि उत्पादकता, नवाचार और प्रौद्योगिकी के समावेश से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने तथा बिहार को कृषि व्यवसाय में एक प्रमुख राज्य के रूप में स्थापित करने पर बल दिया।
केके पाठक ने उल्लेख किया कि यह कार्यशाला 2047 तक एक समृद्ध और विकसित बिहार के निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। बिहार की प्रगति तभी संभव है जब सभी विभाग एकजुट होकर कार्य करें। बी. राजेंदर ने कहा कि बिहार 2047 का विजन डॉक्यूमेंट प्रदेश की आकांक्षाओं को साकार करने के साथ-साथ विशिष्ट चुनौतियों का समाधान भी प्रस्तुत करेगा। हमारी यह सामूहिक प्रयास एक ऐसा भविष्य निर्मित करेगा जो सतत, समावेशी और परिवर्तनकारी होगा।