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Bihar News : पश्चिम और दक्षिण भारत के पैसे पर पल रहा बिहार ! टैक्‍स संग्रहण में फिसड्डी फिर केंद्र से मिलता है सबसे अधिक पैसा

बिहार जो टैक्‍स संग्रहण के मामले में फिसड्डी है उसे केंद्र सरकार से सर्वाधिक कर हस्तांतरण मिलता है. वहीं जिन राज्यों से सबसे ज्यादा टैक्‍स संग्रहण होता है उन राज्यों को केंद्र से मिलने वाला कर हस्तांतरण बेहद कम है.

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CBDT Bihar- फोटो : Social Media

Bihar News : ‘आमदनी अट्ठनी खर्चा रुपया’, देश के किसी राज्य पर अगर ये बातें फिट बैठती हैं तो वह बिहार है. बिहार जो टैक्‍स संग्रहण के मामले में फिसड्डी है उसे केंद्र सरकार से सर्वाधिक कर हस्तांतरण मिलता है. वहीं जिन राज्यों से सबसे ज्यादा टैक्‍स संग्रहण होता है उन राज्यों को केंद्र से मिलने वाला कर हस्तांतरण बेहद कम है. इसी को लेकर अब महाराष्ट्र से लेकर कर्नाटक तक में रोष देखा जा रहा है कि केंद्र की कमाई हमसे होती है और पैसा जारी करने में उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों पर मेहरबानी दिखाई जाती है. 

दरअसल, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने प्रत्‍यक्ष कर संग्रहण के पिछले सप्ताह आंकड़े जारी किए हैं. इसके अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में देशभर से 19.62 लाख करोड़ रुपये डायरेक्ट टैक्स वसूला गया. इसमें महाराष्ट्र पहले नंबर पर है जबकि कर्नाटक दूसरे नंबर पर है. आंकड़े बताते हैं कि महाराष्ट्र ने अकेले 39 फीसदी टैक्स संग्रहन दिया है जो 7.6 लाख करोड़ रुपये है. वहीं कर्नाटक लगभग 12 प्रतिशत हिस्सेदारी यानी 2.34 लाख करोड़ रुपये के साथ दूसरे नंबर पर जबकि दिल्ली 10.4 प्रतिशत हिस्सेदारी  यानी 2.03 लाख करोड़ रुपये के साथ तीसरे नंबर पर आता है इसके बाद तमिलनाडु (6.5 प्रतिशत) और गुजरात (4.8 प्रतिशत) का स्थान आता है. ये पांच राज्य केन्द्र के कुल प्रत्यक्ष कर में 70 प्रतिशत से अधिक का योगदान करते हैं.


बिहार फिसड्डी : वहीं अगर बात उत्तर प्रदेश और बिहार की करें तो डायरेक्ट टैक्स वसूलने में तेलंगाना छठे स्‍थान पर है. वित्‍त वर्ष 2023-24 में राज्‍य से 84,439 करोड़ रुपये कर जमा हुआ. हरियाणा 70,947.31 करोड़ रुपये के साथ सातवें और पश्चिम बंगाल 60,374.64 करोड़ रुपये के साथ आठवें स्थान पर है. उत्तर प्रदेश, 48,333.44 करोड़ रुपये के कलेक्शन के साथ नौवें स्थान पर आता है. वहीं इसके बाद बिहार का नंबर 10वें स्थान पर है. 


यूपी-बिहार पर मेहरबान : वहीं अगर केंद्र से मिलने वाले कर हस्तांतरण के आंकड़े देखें तो राज्यों में  उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक ₹31,962 करोड़ मिले. उसके बाद बिहार (₹17,921 करोड़) है. मध्य प्रदेश (₹13,987 करोड़), पश्चिम बंगाल (₹13,404 करोड़), महाराष्ट्र (₹11,255 करोड़), राजस्थान (₹10,737 करोड़), ओडिशा (₹8,068 करोड़), तमिलनाडु (₹7,268 करोड़), आंध्र प्रदेश (₹7,211 करोड़), कर्नाटक (₹6,498 करोड़), गुजरात (₹6,197 करोड़) का नंबर क्रमशः बाद में आता है. वहीं गोवा, सिक्किम और मिजोरम को सबसे कम क्रमशः ₹688 करोड़, ₹691 करोड़ और ₹891 करोड़ मिले हैं.    


चुनावी मुद्दा बना CBDT: डायरेक्ट टैक्स वसूलने और केंद्र से आवंटन में अंतर को लेकर कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है. उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि कर्नाटक ने केंद्र को 2.34 लाख करोड़ रुपये दिए. वहीं केंद्र से उसे मात्र 6,498 करोड़ रूपये मिले हैं. यह हमारे राज्य के साथ अन्याय है जबकि यूपी, बिहार और गुजरात पर केंद्र सरकार मेहरबान बनी हुई है. वहीं महाराष्ट्र में भी विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा बना हुआ है कि जो राज्य देश में सबसे ज्यादा कमाई देता हो उसे ही केंद्र सरकार पैसा जारी करने में भेदभाव करती है. दूसरी ओर यूपी-बिहार जैसे राज्य जो कर संग्रहण में फिसड्डी हैं उन पर मेहरबानी दिखाई जाती है. 

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