Bihar News : बिहार की सियासत में आपातकाल के दौर के बाद से सक्रिय हुए राजनेताओं में लालू यादव, नीतीश कुमार, रामविलास पासवान और सुशील मोदी का नाम सर्वोपरि रहा है. खासकर 1990 के दशक से इन्हीं चारों नेताओं के केंद्र में बिहार में राजनीति घूमते रही है. बिहार की सियासत के पर्याय चेहरे बन चुके इन नेताओं को लेकर अब देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान की मांग केंद्र सरकार सी गई है. बाकायदा इसके लिए पटना की सड़कों पर पोस्टर लगाकर केंद्र सरकार से मांग की गई है कि चारों को भारत रत्न दिया जाए.
धर्मेद्र मुखिया नाम के शख्स के नाम से लगाए गए पोस्टरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तस्वीरों के साथ सवाल किया गया है. पूछता है बिहार शीर्षक से लिखा गया है कि 'माननीय श्री लालू यादव, नीतीश कुमार, रामविलास पासवान, सुशील मोदी इन्हें भारत रत्न क्यों नहीं?' पोस्टर में आगे लिखा गया है कि 'यथा शीघ्र इन महापुरुषों एवं समाजवाद के योद्धा को भारत रत्न से नवाजा जाए.
यह पहला मौका नहीं है जब बिहार के इन नेताओं को भारत रत्न देने की मांग की गई है. इसके पहले भी लालू यादव और नीतीश कुमार के लिए इसी तरह की मांग करते हुए पोस्टर लगाए गये थे. वहीं रामविलास पासवान के लिए लम्बे अरसे से इसी तरह की मांग की जाते रही है. अब इसी कड़ी में सुशील मोदी का नाम भी शामिल हो गया है. हालाँकि यह पहला मौका है जब किसी शख्स ने चारों नेताओं लालू यादव, नीतीश कुमार, रामविलास पासवान और सुशील मोदी के लिए भारत रत्न की मांग की गई है.
गौरतलब है कि लालू यादव, नीतीश कुमार, रामविलास पासवान और सुशील मोदी चारों ही जेपी आंदोलन के बाद सियासत में उभरे. जनता पार्टी से चारों की सियासत शुरू हुई जो बाद में अलग अलग दलों के नेता बन गये. लालू यादव राजद, नीतीश कुमार जदयू, रामविलास पासवान ने लोजपा का गठन किया. वहीं सुशील मोदी ताउम्र भाजपा के नेता बने रहे. अब चारों को समाजवाद के योद्धा बताकर भारत रत्न देने की मांग की गई है. इसी वर्ष बिहार के कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से नवाजा गया. कर्पूरी ठाकुर भी जेपी आंदोलन में सक्रिय रहे और बाद में बिहार के मुख्यमंत्री बने. कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में ही लालू यादव, नीतीश कुमार, रामविलास पासवान और सुशील मोदी ने अपनी राजनीति आगे बढाई थी. अब इन चारों के लिए कर्पूरी की तर्ज पर ही भारत रत्न की मांग की गई है.
रंजन की रिपोर्ट