Bihar Politics: बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी उपमुख्यमंत्री के आवंटित सरकारी आवास में गृह प्रवेश कर लिए हैं लेकिन प्रवेश करते ही सम्राट चौधरी ने कहा है कि उनके माता-पिता के आशीर्वाद से उनके पास एक घर है, छोटा है पर है और वो उसी घर में रहेंगे। इस घर से(उपमुख्यमंत्री आवास) वो सरकारी काम काज करेंगे। जनता के विकास के लिए काम करेंगे। वहीं अब माना जा रहा है कि कहीं ना कहीं सम्राट चौधरी भी अपशकुनी बंगले से डर गए हैं और बंगला में नहीं रहने का सोच लिया है।
दुबारा नहीं बनना डिप्टी सीएम
हालांकि जब सम्राट चौधरी से पूछा गया कि इस बंगले को लेकर कई भ्रांतियां हैं जो यहां रहता है उसका करियर खत्म हो जाता है इस सवाल पर सम्राट चौधरी ने कहा कि,पदाधिकारी देख रहे हैं... मैं स्पष्ट तौर पर समझता हूं सत्यनारायण भगवान का पूजा कर दिया इससे ज्यादा शुभ और विजयदशमाी के दिन मैं यहां आया हूं इससे ज्यादा शुभ और क्या होगा। सम्राट चौधरी ने ये भी कहा कि मैं रहता हूं अपने घर में हूं, मेरे पिता जी माता जी के आशीर्वाद से घर है छोटा सा घर है, वहीं रहूंगा, यहां सरकारी काम जरुरी करुंगा। मेरे लिए बिहार का विकास मायने रखता है, बंगला अशुभ नहीं होता, लोग होते हैं। बिहार की जनता बिहार का विकास चाहती है। आसुरी ताकत को भगाने के लिए पूजा पाठ किए हैं।
उपमुख्यमंत्री का अपशगुनी बंगला
दरअसल, उप मुख्यमंत्री के लिए पटना के 5-देशरत्न मार्ग का बंगला आवंटित है। इस बंगले में अब तक तेजस्वी यादव रह रहे थे जो पिछली महागठबंधन सरकार में उप मुख्यमंत्री थे। हालांकि नीतीश कुमार के एनडीए के साथ जाने से तेजस्वी यादव की उप मुख्यमंत्री की कुर्सी छिन गई और अब उन्होंने इस बंगला को खाली कर दिया है। वहीं तेजस्वी के पहले यहां तारकिशोर प्रसाद रह रहे थे, जो वर्ष 2020 में बनी एनडीए सरकार में उप मुख्यमंत्री थे। वर्ष 2022 में एनडीए सरकार जाने के बाद तारकिशोर प्रसाद को बीच में ही उप मुख्यमंत्री की कुर्सी छोडनी पड़ी। फिर इसी बंगले में उप मुख्यमंत्री बने तेजस्वी यादव आए तो उनकी भी कुर्सी महज कुछ महीनों में चली गई। अब सम्राट चौधरी को लेकर भी यही सबसे बड़ी चिंता है।
2015 में तेजस्वी का अपशकुन
5-देशरत्न मार्ग बंगला के साथ यह कोई पहला मौका नहीं है जब यहां रहने वाले उप मुख्यमंत्री की कुर्सी बीच में ही चली गई है। अब तक जो भी उप मुख्यमंत्री रहे हैं उनका कार्यकाल पूरा नहीं हो पाया है। वर्ष 2015 तेजस्वी यादव पहली बार उप मुख्यमंत्री बने और इसी बंगले में रहे। लेकिन जुलाई 2017 नीतीश कुमार ने राजद से गठबंधन तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बना ली। हालांकि तेजस्वी का इस भव्य और आलिशान बांग्ला से मोह नहीं छूटा। उन्होंने लम्बे अरसे तक बंगला खाली नहीं किया। यहां तक कि इसे लेकर वे सुप्रीम कोर्ट तक गए। 8 फरवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने तेजस्वी की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि जब आप उपमुख्यमंत्री थे, तब बंगला अलॉट किया गया था, अब आप उस पद पर नहीं हैं इसलिए बंगला खाली करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने तेजस्वी पर कोर्ट का वक्त बर्बाद करने पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
सुशील मोदी की हुई विदाई
तेजस्वी के बाद 5-देशरत्न मार्ग का यह सरकारी आवास सुशील कुमार मोदी को अलॉट हुआ। लेकिन कुछ महीने बाद ही भाजपा ने सुशील मोदी को बिहार की राजनीति से दूर कर दिया। उन्हें नीतीश सरकार में उप मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया। सुशील कुमार मोदी को बाद में भाजपा ने राज्यसभा सदस्य बना दिया। माना गया सुशील मोदी का इस बंगले में आना उनके राजनीतिक करियर को बड़ा झटका दे गया और वे बिहार से दूर कर दिए। वहीं इसी वर्ष कैंसर की बीमारी से जूझते सुशील मोदी का निधन हो गया।
तारकिशोर की गई कुर्सी
वहीं 2020 में बिहार में एनडीए सरकार बनने पर भाजपा ने तारकिशोर प्रसाद को उप मुख्यमंत्री बनाया। तब 5-देशरत्न मार्ग बंगला में तारकिशोर को आवंटित किया गया। अचानक से अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने नाटकीय घटनाक्रम में एनडीए से अलग होने का फैसला किया। उन्होंने राजद और अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बना ली। इस कारण तारकिशोर प्रसाद को इस बंगले को खाली करना पड़ा। ऐसे में पांच साल के अन्तराल पर 3 उप मुख्यमंत्री इस बंगले में रहते हुए अपनी कुर्सी गँवाए। बाद में तेजस्वी यादव को आवंटित 5-देशरत्न मार्ग बंगला को एक तरह से ‘अपशगुनी’ माना गया क्योंकि उनकी कुर्सी भी बीच में ही चली गई।
अब सम्राट पर खतरा
वहीं अब 5-देशरत्न मार्ग बंगला के साथ जुड़े तमाम अपशकुन के बीच अब सम्राट चौधरी के विजयदशमी को इस बंगले में प्रवेश कर चुके हैं। ऐसे में सम्राट को लेकर भी यही चिंता जताई जा रही है कि वर्ष 2015 से जब कोई भी उप मुख्यमंत्री यहां रहकर अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए तो अब सम्राट का क्या होगा? कहीं सम्राट चौधरी का उप मुख्यमंत्री पद भी जल्द ही जाने वाला तो नहीं।