Bihar Politics: तिरहुत क्षेत्र में जदयू की हार के बाद आनंद मोहन ने कहा कि कि राजपूतों के साथ बंधुआ मजदूर जैसा व्यवहार करेंगे तो हार मिलेगी। तिरहुत स्नातक क्षेत्र में पांच विधायक और दो सांसद राजपूत हैं, फिर भी हमें नहीं पूछा गया।
पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि उनके परिवार को चुनावी प्रक्रिया में कोई महत्व नहीं दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि राजपूत समुदाय को बंधुआ मजदूर समझने का रवैया गलत है। उनका यह बयान उस समय आया जब जदयू ने तिरहुत में चुनावी नतीजों में निराशाजनक प्रदर्शन किया।
तिरहुत स्नातक क्षेत्र में जदयू को मिले बड़ी हार को लेकर आनंद मोहन ने नीतीश सरकार फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बिहार में शिक्षकों की नाराजगी स्नातक शिक्षक उपचुनाव में हार की बड़ी वजह है।
पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि शिक्षकों की मांगों पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।उनकी नाराजगी ने भी लुटिया डुबाई है। आनंद मोहन ने कहा कि स्मार्ट मीटर को लेकर लोगों के बीच नाराजगी है और बिहार में हो रहे जमीन सर्वे को लेकर के भी लोगों में नाराजगी है।
आनंद मोहन का मानना है कि यदि उन्हें सही तरीके से प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया तो इससे समाज में असंतोष बढ़ सकता है। आनंद मोहन ने बिना नाम लिए तिरहुत के पूर्व एमएलसी रहे देवे चंद्र ठाकुर पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये चुनाव एक इंसान की अहंकार की भेंट चढ़ गया। राजपूत समाज से आने वालीं सांसद वीणा सिंह, विधायक राजू सिंह, अरुण सिंह, अशोक सिंह, संजय सिंह की तस्वीर भी कहीं नहीं दिखी।