Bihar Politics: पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने रालोजपा की पार्टी कार्यालय को खाली कर दिया है। पार्टी कार्यालय को खाली करने के लिए सरकार ने पशुपति पारस को पार्टी कार्यालय खाली करने के लिए 13 नवंबर तक का समय दिया था, हालांकि पारस ने इससे पहले ही 11 नवंबर को ही पार्टी कार्यालय खाली कर दिया। लेकिन कार्यालय खाली करने के बाद अब तक रालोजपा ने कार्यालय की चाभी भवन विभाग को नहीं सौंपी है। बताया जा रहा है कि अधिकारी पार्टी कार्यालय चाभी लेने पहुंचे तो उन्हें चाभी नहीं मिला।
वहीं इस मामले में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी कार्यालय के प्रभारी राजेंद्र विश्वकर्मा का कहना है कि हमने विभाग को पत्र लिखा था पहले ही कि हमें कार्यालय दिया जाए। हम मान्यता प्राप्त दल है तो हमें कार्यालय क्यों नहीं दिया गया। अभी तक कार्यालय नहीं दिया गया है। हम अधिकारी से बात कर रहे हैं।
अधिकारी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी कार्यालय के अंदर बैठे हुए हैं लेकिन सवाल है कि विवाद कब तक चलता रहेगा। विवाद का अंत कब होगा? क्या पशुपति पारस को कार्यालय मिल पाएगा और सवाल यह है कि चाचा का कार्यालय उनके भतीजे केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को कब तक मिल पाएगा सब कुछ अधर में लटका हुआ है और विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
बता दें कि, सरकारी दफ्तर खाली करने के बाद पशुपति पारस ने अब अपने निजी आवास के बगल में नए दफ्तर का निर्माण करवा रहे हैं। पशुपति के कौटिल्य नगर स्थित निजी आवास के बगल में ही दफ्तर का निर्माण हो रहा है। नए दफ्तर के निर्माण के लिए कारीगर निर्माण कार्य में जुटे हुए हैं। एक व्हीलर रोड स्थित पार्टी को दफ्तर खाली करने के बाद अब उस परिसर चिराग पासवान के दल का ठिकाना होगा। ऐसे में पशुपति पारस के लिए यह एक बड़ा झटका है।
पटना से रंजन की रिपोर्ट