PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अक्सर अपनी सभाओं में कहा करते हैं की महिलाओं के कहने पर ही उन्होंने बिहार में शराबबंदी लागू किया था। शराब के कारण सबसे अधिक परेशानी और जुल्म महिलाओं को ही झेलना पड़ रहा था। प्रदेश की राजधानी पटना में एक सभा के दौरान जीविका समूह की महिलाओं ने अपना दुखड़ा मुख्यमंत्री को सुनाया था और कहा था की बिहार में शराब बंद कर दीजिये। इसके बाद उन्होंने शराबबंदी करने का मन बनाया। बाद के दौर में जीविका दीदियों से रूबरू होने के दौरान भी उन्होंने कई बार इस पर फीडबैक लिया। तमाम विरोध के बावजूद मुख्यमंत्री ने बार-बार साफ किया है कि शराबबंदी का फैसला वापस नहीं लिया जाएगा।
अब सीएम नीतीश कुमार बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व इसी महीने ‘महिला संवाद यात्रा’ पर निकलने वाले हैं। इस यात्रा के दौरान वे न केवल महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं का फीडबैक लेंगे, बल्कि माना जा रहा है कि इस क्रम में वे महिला मतदाताओं को साधने की भी कोशिश करेंगे। चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह यात्रा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसी यात्रा के दौरान कयास लगाया जा रहा है की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिलाओं के बड़ी योजना का ऐलान कर सकते हैं।
हालाँकि बिहार में आधी आबादी के नीतीश सरकार की ओर से कई योजनायें चलायी जाती है। जिसमें पंचायती राज संस्थाओं में जहाँ महिलाओं को 50 फीसदी और सरकारी नौकरियों में युवतियों को 35 फीसदी का आरक्षण दिया गया है। वहीँ छात्राओं के लिए साइकिल योजना, पोशाक योजना, बालिका प्रोत्साहन योजना चलायी जा रही है। चुनाव के पहले अब बिहार में भी महिलाओं को कैश ट्रांसफर योजना की बात शिद्दत से उठाई जा रही है। इस तरह की योजना फिलहाल देश के नौ राज्यों में चलाई जा रही है।
जहाँ तक कैश ट्रांसफर योजना की बात है तो इसका स्ट्राइक रेट लगभग 90 फीसदी का रहा है। इस तरह की योजना का ऐलान करनेवाली पार्टियाँ 9 में आठ राज्यों में सरकार में बना चुकी है। जहाँ पहले से इस तरह की योजना चल रही है। उसका विस्तार करने के निर्णय राजनितिक दलों ने लिया और सरकार बनाने में कामयाब रहे। महिला संवाद यात्रा के दौरान नौ राज्यों की स्थिति देखकर महिलाएं भी यह सवाल उठा सकती है “यूं ही तुम मुझसे बात करते हो,या ‘कैश ट्रांसफर’ का इरादा है।“