Bihar Vidhansbha: बिहार विधानसभा में मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सदन में टोकाटाकी करने पर सत्ता पक्ष के शीर्ष नेताओं को आड़े हाथों लिया. विधानसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव के बाद आरक्षण के मुद्दे पर नोंकझोंक का दौर शुरू हो गया. तेजस्वी ने कहा कि मेरे जन्मदिन के दिन ही 9 नवंबर 2023 को आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 65% करने का प्रावधान लाया गया था. तेजस्वी ने कहा कि तब कि महागठबंधन सरकार ने केंद्र सरकार से आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 65% करने के प्रावधान को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए. लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने ऐसा नहीं किया.
उनके इन कथित आरोपों पर सत्ता पक्ष की ओर से उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और फिर सम्राट चौधरी ने जोरदार तरीके से पलटवार किया. वहीं तेजस्वी ने कहा कि 9 नवंबर 2023 के दिन सीएम नीतीश ने मंत्रिमंडल की बैठक में भी यह चिंता जताई थी कि भाजपा के लोग इसके खिलाफ कोर्ट जाकर इसे निरस्त कराने का षड्यंत्र रच सकते हैं. तेजस्वी ने इन आरोपों पर भाजपा के सदस्यों ने जोरदार प्रतिकार किया. उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी के खिलाफ जोरदार हमला बोला. विजय सिन्हा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष संवैधानिक संस्थान का अपमान कर रहे हैं. इसे लेकर तेजस्वी और दोनों डिप्टी सीएम के बीच जोरदार बहस भी हुई.
अपने खिलाफ सदन में उप मुख्यमंत्रियों के हमलावर रुख पर तेजस्वी ने कहा कि विधानसभा में यह शोभा नहीं देता. आप दोनों उप मुख्यमंत्री हैं. सदन में व्यवहार ठीक कीजिए. तेजस्वी के इस टिप्पणी पर भी कुछ समय तक सदन में हंगामा हुआ. हालाँकि बाद में विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने सभी शांत कराया.
वहीं तेजस्वी ने कहा कि तब कि महागठबंधन सरकार ने केंद्र सरकार से आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 65% करने के प्रावधान को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए. लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने ऐसा नहीं किया. वहीं कोर्ट ने 20 जून 2024 को इसे निरस्त कर दिया. तेजस्वी ने कहा कि संविधान दिवस पर हम नीतीश सरकार से अनुरोध करते हैं कि कोर्ट ने 65% आरक्षण के प्रावधान को स्टडी करने की बात कही है तो विधानसभा की एक कमेटी बनाई जाए. साथ ही अगर नीतीश सरकार चाहे तो आरक्षण को 65 फीसदी की जगह 75 फीसदी भी कर दे और 10 फीसदी EWS का आरक्षण रहेगा. हम 85 फीसदी आरक्षण करने का समर्थन करेंगे.