Bihar Vidhansabha : बिहार विधानसभा के मानसून सत्र से नदारद रहे तेजस्वी यादव सोमवार को जब सदन में पहुंचे तो विरोधियों को कड़ा जवाब मिला। तेजस्वी यादव सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही बिहार विधानसभा पहुंच गए। बता दें कि, बिहार विधानमंडल का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार से हो गई है। सत्र का आज पहला दिन था हालांकि पहले दिन की कार्यवाही 22 मिनट में ही खत्म हो गई। बिहार विधानसभा के 4 सीट(तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज) पर उपचुनाव में जीते एनडीए विधायकों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम हुआ। लेकिन तरारी से विधायक बने विशाल प्रशांत सदन नहीं पहुंचे थे जिसके कारण उनका शपथ ग्रहण कार्यक्रम नहीं हो सका।
तेजस्वी पहुंचे सदन
वहीं तेजस्वी यादव के सदन में पहुंचने से सत्तापक्ष के उन नेताओं को बड़ा झटका लगा जो कल तक ये दावा कर रहे थे कि तेजस्वी यादव सदन नहीं पहुंचेंगे। बीते दिन जदयू एमएलसी नीरज कुमार ने भी तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला बोला था। उन्होंने ट्विट कर कहा था कि अगर तेजस्वी बिहार विधानमंडल के सत्र में नहीं पहुंते हैं तो उनपर 'कर्तव्य घोटाला' का भी इल्जाम लगेगा।
विरोधियों को दिया करारा जवाब
बीते दिन जदयू एमएलसी नीरज कुमार ने बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को सुझाव दिया था कि वे ‘कर्तव्य घोटाला’न करें। उन्होंने कहा कि विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान तेजस्वी यादव गायब थे। अब बिहार विधानसभा उपचुनावों में महागठबंधन की हार के बाद क्या विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में वे शर्म से सदन में नजर नहीं आएंगे ? सदन में नहीं आना भी एक प्रकार ‘कर्तव्य घोटाला’ है।
जदयू एमएलसी ने कसा था तंज
नीरज कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि 'वेतन घोटाला के आरोपी तेजस्वी यादव राजनीति में पराजय से शर्मसार होते हैं। विधानसभा के पिछले सत्र में पटना में रहते हुए राजनीतिक लज्जा के तहत विधानसभा नहीं गए। वे विपक्ष के नेता हैं, कैबिनेट मंत्री का दर्जा है, राजकोष के खजाने में का हिस्सा लेते हैं। अगर विधानसभा के प्रस्तावित सत्र में नहीं जाएंगे तो सैलरी घोटाला के साथ अब आपका नाम कर्तव्य घोटाला भी जुड़ने वाला है।
पटना से रंजन की रिपोर्ट