Bihar news : मकर संक्रांति को लेकर मंगलवार को दही-चूड़ा भोज समारोह में शामिल होने लोजपा (रामविलास) के दफ्तर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे. लेकिन, सीएम नीतीश जब LJPR के कार्यालय पहुंचे तो वहां 'मेहमान नीतीश' का स्वागत करने के लिए 'मेजबान चिराग पासवान' मौजूद ही नहीं थे.
चिराग पासवान ने अपने पटना स्थित कार्यालय में मकर संक्रांति को लेकर दही-चूड़ा भोज पर सीएम नीतीश सहित बिहार के कई नेताओं को आमंत्रित किया था. इसी के लिए सीएम नीतीश सुबह 10 बजे LJPR के कार्यालय पहुंच गए. लेकिन उस दौरान वहां चिराग या उनके दल के कोई बड़े नेता मौजूद नहीं थे. नीतीश कुमार मात्र 5 मिनट वहां रुके और करीब 10.05 निकल गए. हालाँकि सीएम नीतीश का स्वागत LJPR के राजू तिवारी सहित अन्य नेताओं ने किया.
सूत्रों के अनुसार सीएम नीतीश के कार्यालय की तरफ से जानकारी दी गई थी कि सीएम 12 बजे LJPR के कार्यालय आएंगे। लेकिन सीएम नीतीश तय समय से पहले पहुंच गए. वहीं चिराग पासवान के कार्यालय पहुंचने की टाइमिंग 10.45 बजे थी. ऐसे में चिराग पासवान या उनके दल के अन्य सांसद कोई भी लोजपा (रामविलास) के दफ्तर में मौजूद नहीं थे. नीतीश कुमार कुछ मिनट वहां बिताने के बाद आगे की यात्रा पर निकल गए. ऐसे में मेजबान के आने पहले ही मेहमान के आने से अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई.
रामविलास पासवान को किया नमन
हालाँकि LJPR के कार्यालय में नीतीश कुमार ने दिवंगत रामविलास पासवान के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया. इस दौरान वहां मौजूद लोजपा(रा) के कई नेताओं से सीएम नीतीश का अभिवादन हुआ. नीतीश कुमार इ साथ बिहार सरकार में मंत्री विजय चौधरी भी चिराग पासवान पहुंचे और रामविलास को नमन किया. बाद में सीएम नीतीश, विजय चौधरी आदि वहां से निकल गए.
क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति
14 जनवरी 2025 यानी आज देश भर में मकर संक्रांति का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं और उत्तरायण का आरंभ होता है। मान्यता है कि इस दिन से सूर्य देव की कृपा बरसती है और नए साल की शुरुआत होती है। मकर संक्रांति का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक भी है। यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और आपसी भाईचारा बढ़ाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे को मिठाई खिलाते हैं और उपहार देते हैं।
खरमास का अंत और शुभ कार्यों की शुरुआत
मकर संक्रांति के साथ ही खरमास का अंत हो जाता है। इस दिन से शादी-विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। मकर संक्रांति भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाई जाती है। इस दिन लोग नदियों में स्नान करते हैं, दान करते हैं, और विशेष प्रकार के पकवान बनाते हैं। तिल के लड्डू और खिचड़ी इस त्योहार के प्रमुख पकवान हैं।