PATNA : जदयू प्रवक्ता नवल शर्मा ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार को विकास और गवर्नेंस की नयी शब्दावलियां दीं और उन्हें सफलतापूर्वक जमीन पर उतार भी दिया। ‘पांच एस’ यानि सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, साइकिल और सुरक्षा। यह विकास की ऐसी शब्दावलियां हैं जो नीतीश कुमार के पूर्व न कभी सुनी गईं थीं न महसूस की गईं थीं। लालू जी के शासनकाल में बिहार के लोग इस तरह के शब्दों को सुनने के लिए तरस गए थे। इसी प्रकार ‘तीन सी’ यानि क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म । सारे लोग जानते हैं कि नीतीश कुमार ने आज तक अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता से कभी समझौता नहीं किया। यह शुद्ध रूप से शासकीय विजन का मसला है जिसका थोड़ा अंश भी तेजस्वी यादव में दूर दूर तक नहीं दिखता। तेजस्वी जिस परंपरा के प्रतिनिधि हैं उसमें गवर्नेंस और विकास के लिए कोई जगह नहीं।
शर्मा ने कहा की बिहार के लोग कभी नहीं भूलेंगे जब लोगों ने उनके पिता की बहकी शासकीय हैसियत को पूरे पंद्रह वर्षों तक झेला। एक ऐसा दौर जिसमें लालू जी ने बिहार को एक जागीर समझा और बिहारवासियों से भेड़ बकरियों की तरह व्यवहार किया। न कोई शासकीय जिम्मेवारी का भाव न गवर्नेंस का कोई नामोनिशान। एक जिम्मेवार मुख्यमंत्री के बजाय किसी नाटक के फूहड़ पात्र जैसा आचरण। न शासन व्यवस्था की कोई समझ और समझने की ललक भी नहीं ।
जदयू प्रवक्ता ने कहा की तेजस्वी यादव को समझना चाहिए कि अब बिहार उस दौर से बाहर निकल चुका है। नीतीश कुमार अपनी ईमानदारी , कर्मठता , गवर्नेंस और अतुलनीय विकासकार्यों के चलते बिहारवासियों का कंठहार बन चुके हैं । ऐसे जांचे परखे और सुलझे हुए जनसेवक को भूल शायद ही लोग तेजस्वी को स्वीकारें । तेजस्वी चाहे लाख जतन कर लें , लोग उनपर विश्वास नहीं करनेवाले हैं ।