Bihar News: झारखंड में भारतीय जनता पार्टी सहयोगी दल जदयू को गच्चा देने की तैयारी में है. सोमवार को झारखंड भाजपा चुनाव प्रबंध समिति की बैठक के बाद प्रदेश के चुनाव सह प्रभारी हिमंत बिस्व सरमा ने ऐलान किया कि सहयोगी दलों के साथ सीटों पर तालमेल पूरा हो गया है.गठबंधन में आजसू को 9 से 11 सीटें मिल सकती हैं। जदयू को दो सीट देने पर सहमति बनी है, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व इसपर अंतिम फैसला लेगा.वहीं एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान से 16 अक्टूबर को चर्चा के बाद उनकी एक सीट तय हो सकती है. गठबंधन में महज दो सीटें मिलने के बाद जेडीयू नेतृत्व अवाक है. समझ में नहीं आ रहा कि अब क्या करें.डिमांड थी कम से कम 13 सीटों की, मिला महज 2 सीट, यानि डिमांड का 20 फीसदी भी नहीं.
डिमांड की 10 फीसदी सीट भी नहीं मिली
झारखंड में सहयोगी दल भाजपा से चोट खाये जेडीयू नेतृत्व ने आज आनन-फानन में बैठक बुला ली. राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के आवास पर जेडीयू के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। बैठक में आगे की रणनीति पर विचार हुआ. नीतीश कैबिनेट में मंत्री व झारखंड जेडीयू के प्रभारी अशोक चौधरी जब मीडिया के सामने आये तो जवाब देने में थोड़े असहज दिख रहे थे. उनसे पूछा गया कि झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा होने वाली है. आज आपलोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले हैं. क्या कहना है....इस पर थोड़े असहज दिखते हुए प्रभारी अशोक चौधरी ने कहा कि ''नहीं... झारखंड पे हमलोगों की चर्चा, भाजपा के साथ हमारे शीर्षस्थ नेता संजय झा जी, केंद्रीय मंत्री ललन जी सबलोग लगे हुए हैं. बात हो रही है, भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ना है, कोई संदेह नहीं है, एनडीए में रहना है, इसमें भी कोई संदेह नहीं''. इसके बाद सवाल पूछा गया कि सहयोगी दल भाजपा की तरफ से दो सीटों की बात कही जा रही है, इस पर अशोक चौधरी की तरफ से जवाब मिला कि चर्चा चल रही है. पत्रकारों ने पूछा कि झारखंड जेडीयू की तरफ से डिमांड तो 13 सीटों की थी लेकिन महज 2 दिया जा रहा है, क्या नाराज है जेडीयू ? इस पर उन्होंने कहा कि किससे नाराजगी की, नारजगी की कहां बात है ? भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से बात हो रही है, नतीजे पर मत पहुंचिए, शीर्षस्थ नेताओं के बीच बातचीत हो रही है.
बता दें, भारतीय जनता पार्टी झारखंड विधानसभा चुनाव 2005 और 2009 में जदयू के साथ मैदान में उतरी थी। 2014 के विधानसभा चुनाव में जदयू से गठबंधन टूट गया था। पार्टी ने 8 सीटें आजसू को दी थीं और गठबंधन कर अपने 73 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार आजसू को 9 से 11 सीटें देने की तैयारी है, साथ ही दो सीटें सहयोगी दल जेडीयू के लिए छोड़ने का निर्णय लिया गया है.