Bihar Politics: राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं की समस्याएँ आय से अधिक संपत्ति, मनी लॉन्ड्रिंग और लैंड फॉर जॉब स्कैम के मामलों में बढ़ती जा रही हैं। लालू और तेजस्वी यादव के निकटतम सहयोगी पर प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो के निगरानी में हैं। राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव के करीबी सहयोगियों पर प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा छापेमारी की गई है। यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति, मनी लॉन्ड्रिंग और नौकरी के बदले जमीन घोटाले जैसे गंभीर आरोपों के तहत की जा रही है।
1. आलोक मेहताजो कि RJD विधायक हैं, पर 100 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले में शामिल होने का आरोप है। ED ने उनके 19 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। उनका नाम RJD प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में भी शामिल था।
2. सुभाष यादव जो कि बालू खनन और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में गिरफ्तार हुए थे, लालू यादव के करीबी सहयोगी माने जाते हैं। उन्हें जेल में रहते हुए भी चुनावी टिकट दिया गया था।
3. भोला यादव को CBI ने लैंड फॉर जॉब स्कैम का मास्टरमाइंड माना है। यह घोटाला तब हुआ जब लालू यादव रेल मंत्री थे।
4. सुनील कुमार सिंह RJD कोषाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह के घर CBI ने छापेमारी की थी जिसमें नकद राशि जब्त की गई थी। वे पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के मुंह बोले भाई हैं।
5. डॉ. फैयाज अहमद पर रेलवे में जमीन के बदले नौकरी घोटाले में शामिल होने का आरोप है।
6. अबू दोजाना जो कि एक पूर्व विधायक और बिल्डर हैं, पर IRCTC घोटाले में ED ने दबिश दी थी।
7. अरुण यादव की संपत्ति को ED ने जब्त किया है और उन पर अवैध बालू कारोबार का आरोप लगा है।
8. संजय यादव तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव से CBI ने पूछताछ की थी क्योंकि वे तेजस्वी के राजनीतिक सलाहकार हैं।
9. शंभूनाथ यादव जो कि RJD विधायक हैं, पर अवैध बालू खनन मामले में कार्रवाई हुई थी।
राजद सुप्रीमो लालू और उनके परिवार और उनके करीबी सहयोगियों पर भ्रष्टाचार और अन्य आर्थिक अपराधों का गंभीर आरोप लगे हैं । इससे इतना तो तय है कि विधानसभा चुनावों में राजद की छवि को प्रभावित कर सकती है।