Bihar News: बिहार में 42 साल बाद अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। यह दो दिवसीय कार्यक्रम सोमवार से विधानमंडल के सेंट्रल हॉल में शुरू हो गया है। लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने 85 वाँ अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस दौरान राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव, विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह,उपसभापति डॉ रामवचन राय, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी,मंत्री श्रवण कुमार मंच पर उपस्थित रहे। बता दें कि, आज देशभर के विधानसभा अध्यक्ष पटना में जुटेंगे। यह ऐतिहासिक सम्मेलन 1982 के बाद बिहार में आयोजित हो रहा है। उस समय कांग्रेस नेता राधानंदन झा विधानसभा अध्यक्ष थे।
देशभर से जुटेंगे 300 से अधिक प्रतिनिधि
इस सम्मेलन में देशभर के पीठासीन अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। 28 राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष, 6 विधान परिषद के सभापति, केंद्र शासित प्रदेशों के स्पीकर समेत करीब 300 अतिथि इस सम्मेलन में शामिल हुए हैं। राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश भी इस अवसर पर उपस्थित हैं।
चैंबर में विशेष व्यवस्था
सम्मेलन के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के लिए विधानसभा में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के चैंबर में बैठने की व्यवस्था की गई है। राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी के चैंबर में बैठेंगे। वहीं, लोकसभा के महासचिव डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा के चैंबर में और राज्यसभा के महासचिव नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के चैंबर में बैठेंगे।
संसद और विधायिका की भूमिका पर चर्चा
सम्मेलन में संसद और विधायिका की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। यह आयोजन भारत के विधायी निकायों की सर्वोच्च संस्था के रूप में महत्वपूर्ण माना जाता है।
पर्यटन स्थलों का भी करेंगे दौरा
सम्मेलन के अतिथि 19 जनवरी की शाम से ही पटना पहुंचने लगे थे। 21 जनवरी को समापन सत्र के बाद सभी गेस्ट पटना के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे हरि मंदिर साहिब गुरुद्वारा, बापू टावर, सभ्यता द्वार और बिहार संग्रहालय का दौरा करेंगे।
1982 के बाद पटना में आयोजन
मामलू हो कि अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का आयोजन लोकसभा सचिवालय द्वारा किया जाता है। इससे पहले यह सम्मेलन पटना में 1982 में हुआ था। उस समय बिहार विधानसभा के अध्यक्ष कांग्रेस नेता राधानंदन झा थे। वर्तमान में देश के 22 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा है, जबकि 6 राज्यों में विधानसभा और विधान परिषद दोनों मौजूद हैं। सम्मेलन में लोकसभा और राज्यसभा के पीठासीन अधिकारी भी शामिल होते हैं।
पटना से वंदना की रिपोर्ट