PATNA : प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी, ममता बनर्जी और नीतीश कुमार के लिए “किंग मेकर” बनने का दावा करनेवाले प्रशांत किशोर पर बिहार विधानसभा उपचुनाव में सबकी नजरें टिकी थी। क्योंकि कभी इन लोगों की चुनावी रणनीति का प्रशांत किशोर हिस्सा रहे थे। हालाँकि प्रशांत किशोर किसी सीट पर चुनाव नहीं लड़ रहे थे। लेकिन उम्मीदवारों की चर्चा की जा रही थी।
दरअसल चुनाव से ठीक पहले प्रशांत किशोर ने बड़े ताम झाम के साथ अपनी नयी पार्टी जन सुराज का ऐलान किया था। जिसमें उन्होंने खासकर तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला था। मंच पर लाए लोगों को भी पढ़ा-लिखा और बाकी राजनीतिक दलों से अच्छा बताया। फिर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चार सीटों पर हो रहे उप चुनाव में चारों पर जीत का दावा करते हुए प्रत्याशी दिए। चार में से तीन प्रत्याशियों का हश्र और एक की हार सामने आ चुकी है।
देश की राजनीति में प्रशांत किशोर का कद इस उपचुनाव में एक भी सीट जीतने पर बढ़ सकता था, लेकिन चार में से तीन सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी तीसरे और एक सीट पर चौथे नंबर पर रहे। जहां तीसरे नंबर पर रहे, उन तीनों में से भी एक ही सीट पर सम्मानजनक या कहें कि तीसरे विकल्प के रूप में संतोषजनक वोट हासिल हुआ।अब बड़ा सवाल यही कि प्रशांत किशोर चुनावी रणनीतिकार भी बचे हैं या खांटी राजनेता कहलाएंगे, जो जीत-हार का अनुमान लगाए बगैर केवल जीतने के दावे करता है?
बता दें की रामगढ़ में जन सुराज उम्मीदवार चौथे स्थान पर रहे। जनसुराज प्रत्याशी सुनील कुमार सिंह को मात्र 6513 वोट मिला। वहीँ बेलागंज में तीसरे नबंर पर जनसुराज उम्मीदवार मो. अजमद रहे। उन्हें 17285 वोट मिला। इमामगंज में तीसरे नबंर पर जनसुराज उम्मीदवार जितेंद्र पासवान रहे। उन्हें 37103 वोट मिला। जबकि तरारी में तीसरे नबंर पर जनसुराज प्रत्याशी किरण सिंह रहीं। इन्हें 5622 वोट मिला।