Rail News : अपने ही फैसले से अपनी फजीहत कराने के बाद रेलवे ने एक बड़ा फैसला लिया है. यह rail यात्रियों की बड़ी चिंता को दूर करने की कोशिश में एक कारगर कदम हो सकता है. वहीं ट्रेन में लंबी दुरी में सफर करने वाले यात्रियों को अब स्वच्छता और सफाई से जुडी चिंता दूर होगी. रेलवे ने अपने फैसले में बड़ा बदलाव करते हुए यात्रियों को सफर के दौरान दिए जाने वाले कम्बलों की सफाई की समय सीमा को बदलते हुए इसे 15 दिन करने का फैसला लिया है. अब तक हर एक महीने से रेलवे के कंबल धुलते थे जिसे अब 15 दिनों में धोने की बातें कही गई है.
दरअसल, rail मंत्री ने ही संसद में दिए एक जवाब में कहा था कि कंबल की धुलाई और साफ-सफाई महीने में कम से कम एक बार हो जाती है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का यह जवाब रेलवे के लिए फजीहत बन गया. यूजर्स ने इसे सफाई और स्वच्छता में रेलवे द्वारा बरती जाने वाली बड़ी लापरवाही करार दिया. एक महीने में जिस कंबल को 30 पैसेंजर ओढ़ते हों उसमें बड़ी संख्या में ऐसे यात्री भी रहते हैं जो बीमार या संक्रमण से ग्रसित रहते हैं.
कंबल की धुलाई और साफ-सफाई को लेकर संसद में रेल मंत्री के जवाब के बाद अब उत्तर रेलवे ने इसमें बड़ा बदलाव किया है. उत्तर रेलवे ने कहा कि कंबल को हर 15 दिन में धोया जाएगा और हर पखवाड़े गर्म नेफ़थलीन वाष्प का उपयोग करके उन्हें कीटाणुरहित किया जाएगा. वहीं जम्मू और डिब्रूगढ़ राजधानी ट्रेनों में सभी कंबलों का यूवी रोबोटिक सैनिटाइजेशन हर चक्कर के बाद होगा.
उत्तर रेलवे के अनुसार वर्ष 2010 से पहले ऊनी कंबलों को हर 2-3 महीने में एक बार धोया जाता था. बाद में इसे घटाकर एक महीने कर दिया गया और अब यह 15 दिन हो गया है. हालाँकि देश के अन्य रेल जोन में कंबल धोने की समय सीमा को कम करने पर रेल मंत्री की ओर से फ़िलहाल को जवाब नहीं आया है.