BSSC Inter Level Exam: 9 साल बाद BSSC इंटर स्तरीय के इतने पदों के लिए वैकेंसी, 2 साल में नहीं हुई परीक्षा, 25 लाख उम्मीदवारों को बड़ा झटका
BSSC Inter Level Exam: बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने द्वितीय इंटर स्तरीय परीक्षा के लिए 9 साल बाद वैकेंसी निकाली लेकिन अब तक पीटी परीक्षा का भी डेट तय नहीं हो पाया है। छात्र एग्जाम की राह देख रहे हैं, लेकिन सरकर उनकी मांगों को नहीं सुन रही...

BSSC Inter Level Exam: बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) की सुस्ती ने लाखों युवाओं को गहरे संकट में डाल दिया है। साल 2023 में आयोग ने 9 साल बाद द्वितीय इंटर स्तरीय परीक्षा के लिए 12,199 पदों पर वैकेंसी निकाली थी। इससे पहले यह बहाली 2014 में आई थी। लेकिन हैरानी की बात है कि दो साल बीत जाने के बाद भी आज तक प्रारंभिक परीक्षा (PT) की तारीख घोषित नहीं की गई।
25 लाख उम्मीदवारों ने किया आवेदन
इस बहाली में लोअर डिवीजन क्लर्क, डाटा एंट्री ऑपरेटर, स्टेनोग्राफर, पंचायत सचिव, टाइपिस्ट, राजस्व कर्मचारी समेत कई पद शामिल हैं। कुल 25 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। ऐसे में एक पद के लिए लगभग 200 उम्मीदवारों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा होनी है। लेकिन परीक्षा की तारीख तय न होने से अभ्यर्थियों में गुस्सा और निराशा दोनों है।
ऑनलाइन परीक्षा का विरोध
गौरतलब हो कि सितंबर 2023 यह वैकेंसी आई तब लाखों लोगों को उम्मीद जागी और करीब 25 लाख अभ्यर्थियों ने रोजगार के लिए आवेदन किया। आवेदन किए हुए दो साल गुजर गए लेकिन अब तक आयोग ने पीटी परीक्षा का भी डेट जारी नहीं किया है। छात्रों का कहना है कि ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन ना किया जाए। अभ्यर्थियों का कहना है कि बिहार सरकार के पास अभी पारदर्शी ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली उपलब्ध नहीं है और अगर इसे प्राइवेट संस्थानों के भरोसे कराया गया तो धांधली और सेटिंग की आशंका बढ़ जाएगी।
पीप लीक के आ चुके हैं कई मामले
छात्रों का कहना है कि परीक्षा ऑफलाइन मोड में हो, जिसमें OMR शीट की कार्बन कॉपी उम्मीदवारों को मिले, प्रश्न पुस्तिका वापस की जाए, 10 दिन के भीतर आंसर-की जारी हो और रिजल्ट के साथ कटऑफ और अंक सार्वजनिक किए जाएं। मालूम हो कि, BSSC पर पारदर्शिता को लेकर पहले से ही सवाल उठते रहे हैं। इससे पहले स्नातक स्तरीय और CGL-3 परीक्षाओं में पेपर लीक का मामला सामने आ चुका है। छात्रों का कहना है कि अब जब आयोग में नया अध्यक्ष आया है तो उसे यह इतिहास बदलना चाहिए, वरना उम्मीदवारों का भरोसा पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
परीक्षा कैलेंडर की मांग कर रहे अभ्यर्थी
अभ्यर्थियों की एक और अहम मांग है कि आयोग परीक्षा कैलेंडर जारी करे, ताकि उन्हें स्पष्ट जानकारी मिल सके कि PT कब होगा, mains कब और इंटरव्यू कब तक संपन्न कराया जाएगा। छात्रों का कहना है कि BPSC की तरह BSSC को भी पारदर्शिता और निश्चितता का माहौल बनाना चाहिए। इसके साथ ही परीक्षाओं में CCTV कैमरे, कंट्रोल रूम और सख्त निगरानी की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि नकल और पेपर लीक पर रोक लगाई जा सके।
अधर में लटका अभ्यर्थियों का भविष्य
आयोग की इस देरी पर अब सवाल सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर उठ रहे हैं। अभ्यर्थी पूछ रहे हैं कि आखिर क्यों दो साल से परीक्षा अटकी पड़ी है और क्यों लाखों युवाओं का भविष्य अधर में लटका हुआ है। छात्र नेता दिलीप कुमार का कहना है कि सरकार को युवाओं की तकलीफ सुननी चाहिए और इस परीक्षा को जल्द से जल्द कराना चाहिए, वरना युवाओं का धैर्य पूरी तरह टूट जाएगा।