Saharsa Traffic police: सहरसा की यातायात व्यवस्था ध्वस्त,अब ट्रैफिक पुलिस सख्त, ट्रैफिक लाइट तोड़ने पर कटेगा ऑनलाइन चालान

Saharsa Traffic police: सहरसा शहर में जाम और अव्यवस्थित ट्रैफिक से लोग परेशान है। अब ट्रैफिक पुलिस ट्रैफिक लाइट तोड़ने वालों पर ऑनलाइन चालान करेगी। सड़क अतिक्रमण पर भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

Saharsa Traffic police
ट्रैफिक पुलिस कसेगी लगाम!- फोटो : social media

Saharsa Traffic police: सहरसा की सड़कों पर इन दिनों हालात ऐसे हैं कि कुछ ही किलोमीटर की दूरी तय करने में लोगों को घंटों लग जाते हैं। मुख्य चौराहों पर जाम का ऐसा माहौल बन गया है कि वाहनों की लंबी कतारें रुकने का नाम ही नहीं ले रहीं। सड़क के दोनों ओर दुकानें, ठेले और अवैध कब्ज़े ने हालात को और बुरा कर दिया है। ऊपर से यातायात पुलिस की ढील लोगों की परेशानी को दोगुना कर रही है।

ट्रैफिक लाइट तोड़ने वालों पर अब सीधे ऑनलाइन चालान

ट्रैफिक डीएसपी ओमप्रकाश के अनुसार सहरसा के 5 महत्वपूर्ण स्थानों पर लगे ट्रैफिक सिग्नल 15 अगस्त से कार्यरत हैं, लेकिन अधिकांश वाहन चालक इन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं। इसी अव्यवस्था को रोकने के लिए अब पुलिस ने अलग तरह की कार्रवाई शुरू की है। कैमरे के जरिये सिग्नल तोड़ने वालों की गाड़ियां स्वतः चिह्नित होंगी और चालान सीधे वाहन मालिक के पते पर भेज दिया जाएगा। डीएसपी ने साफ कहा है कि नियमों का पालन करें, वरना अब बचने की कोई संभावना नहीं है।

गांधी पथ पर अचानक बढ़ा दबाव, ओवरब्रिज निर्माण से बिगड़ी रफ्तार

डीबी रोड पर रेलवे ओवरब्रिज निर्माण के चलते यातायात आंशिक रूप से रोक दिया गया है, जिसके कारण गांधी पथ पर वाहनों का बोझ कई गुना बढ़ गया है। सुबह और शाम के समय यहां चलना तक मुश्किल हो गया है। गलत पार्किंग और बिना नियंत्रण के वाहनों की भीड़ ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि सड़क किनारे गाड़ी खड़ी करने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

अतिक्रमण और पार्किंग की कमी

सहरसा के बड़े हिस्से में सड़कें इसलिए संकरी हो गई हैं क्योंकि किनारों पर गुमटी, ठेले, सब्जी दुकानों और व्यापारियों ने जगह घेर रखी है। पार्किंग की कोई बेहतर व्यवस्था न होने के कारण लोग वाहन सड़क पर ही छोड़ देते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि अतिक्रमण हटाया जाए और पार्किंग की व्यवस्थित जगह बनाई जाए, तो जाम की समस्या काफी हद तक खत्म हो सकती है। फिलहाल पुलिस चालान काट रही है, लेकिन स्थायी समाधान की दिशा में कदम बहुत कम उठाए जा रहे हैं।

जनता की आवाज

लोगों का साफ कहना है कि नियमों को लागू करने से पहले शहर की मूल समस्या को ठीक करना जरूरी है। जब तक सड़कें खाली नहीं होंगी, अतिक्रमण नहीं हटेगा और पार्किंग की व्यवस्था नहीं बनेगी, तब तक कोई भी ट्रैफिक प्लान प्रभावी नहीं हो सकता।लोगों का यह भी कहना है कि केवल चालान काटकर व्यवस्था नहीं सुधरेगी, बल्कि शहर की सड़कों को व्यवस्थित बनाना ही सबसे पहला कदम होना चाहिए।