बिहार में 'घूसखोरों' पर निगरानी का डबल अटैक : समस्तीपुर में कृषि पदाधिकारी और किशनगंज में राजस्व कर्मचारी गिरफ्तार

बिहार में 'घूसखोरों' पर निगरानी का डबल अटैक : समस्तीपुर में

Samastipur  : बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी विभाग (Vigilance Department) फुल एक्शन मोड में है। विभाग की टीम ने अलग-अलग कार्रवाई करते हुए समस्तीपुर और किशनगंज से दो भ्रष्ट सरकारी कर्मियों को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई से सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया है।

ऑफिस में ही दबोचे गए कृषि पदाधिकारी निगरानी विभाग की पटना टीम ने समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय में बड़ी कार्रवाई की है। यहां अनुमंडल कृषि पदाधिकारी (SDAO) राकेश कुमार को 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए उनके ही कार्यालय कक्ष से गिरफ्तार किया गया। टीम ने उनके सहायक ललन कुमार को भी हिरासत में लिया है।

क्यों मांगी थी रिश्वत: 

जानकारी के मुताबिक, शिकायत के बाद विजिलेंस की टीम ने आरोपों को वेरिफाई किया और कार्रवाई करते हुए दलसिंहसराय के अनुमंडल कृषि पदाधिकारी राकेश कुमार और लिपिक ललन कुमार को 40 हजार रुपए घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई के बाद अनुमंडल कृषि कार्यालय में हड़कंप मच गया। निगरानी की टीम से दोनों आरोपियों को दलसिंहसराय से उठाकर पटना के लिए रवाना हो गई है। राकेश कुमार मधुबनी का रहने वाला है, जबकि आरोपी क्लर्क ललन कुमार बेगूसराय के तेघड़ा का रहने वाला है। आरोप है कि दोनों ने बाजार समिति के सब्जी मंडी में अवैध निर्माण की अनुमति से जुड़े भ्रष्टाचार में लिप्त होकर रिश्वत की मांग की थी।

निगरानी विभाग से हुई थी शिकायत

दलसिंहसराय के बसढ़िया वार्ड संख्या 10 के रहने वाले जगदीश सिंह के बेटे प्रमोद कुमार सिंह ने कृषि विभाग पर भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायत दर्ज कराई थी। प्रमोद ने बताया कि बाजार समिति के सब्जी बाजार में उनके और अन्य दुकानदारों के लगभग 36 सब्जी दुकानों का निर्माण किया गया था। चूंकि इन दुकानों के निर्माण के लिए प्रशासन की कोई अनुमति नहीं थी। इस कारण अनुमंडल कृषि पदाधिकारी राकेश कुमार ने दुकानदारों को धमकी देते हुए प्रति दुकान 80 हजार रुपए की रिश्वत मांगनी शुरू कर दी। रिश्वत की इस भारी मांग और उत्पीड़न से त्रस्त प्रमोद कुमार सिंह ने अधिकृत अधिकारियों के पास शिकायत प्रस्तुत की।

40 हजार के बाद और भी रकम ली जानी थी

शिकायत मिलने के बाद निगरानी विभाग के डीएसपी पवन कुमार के नेतृत्व में विशेष टीम दलसिंहसराय पहुंची और एक जाल बिछाकर एसडीओ राकेश कुमार और उनके लिपिक ललन कुमार को रिश्वत लेते हुए दबोच लिया। गिरफ्तार की गई राशि 40 हजार रुपए की आंशिक रकम थी, जबकि बाकी धनराशि अब भी वसूली जानी थी।

किशनगंज में भी जमीन म्यूटेशन के नाम पर 2.50 लाख की घूस

इससे ठीक पहले, निगरानी विभाग ने मंगलवार को किशनगंज में भी एक बड़ी मछली को जाल में फंसाया। यहां नगर परिषद के राजस्व कर्मचारी राजदीप पासवान को 2.50 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया।

खगड़ा वार्ड संख्या-22 के निवासी ओवेस अंसारी ने जमीन के परिमार्जन (म्यूटेशन) के लिए आवेदन दिया था। इसके बदले कर्मचारी ने उनसे 2 लाख 70 हजार रुपये की मांग की थी।

जाल बिछाकर गिरफ्तारी

पीड़ित ने 30 नवंबर को पटना स्थित निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। सत्यापन में आरोप सही पाए जाने पर निगरानी थाना कांड संख्या 103/25 दर्ज किया गया और जाल बिछाकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।

एक साल में कई अधिकारियों पर गिरी गाज

बिहार में निगरानी विभाग लगातार सक्रिय है। बीते एक साल के दौरान विभाग ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर कई बड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को सलाखों के पीछे भेजा है। इस सख्त रवैये ने भ्रष्ट अधिकारियों की नींद उड़ा रखी है।